गाजीपुर: स्थानीय थाना क्षेत्र के कयामपुर सरदरपुर गांव स्थित कबीरपंथी मठ की 17 बीघा भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयास को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। इसी मुद्दे पर मंगलवार को ग्रामीणों की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संत, मठ के अनुयायी और ग्रामीण उपस्थित रहे।

बैठक में मोहन दास ने बताया कि यह ज़मीन मठ के नाम पर दर्ज है, लेकिन रामजन्म दास ने कथित रूप से फर्जी तरीके से चेला बनकर मठ की संपत्ति को अपने नाम पर दर्ज करा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्य वास्तविक तथ्यों को छिपाकर और धोखे से किया गया है, जबकि राजस्व अभिलेखों में वर्तमान समय में मठ की संपत्ति के मूल खातेदार नंदा दास (चेला चौथी दास) के नाम दर्ज है।

ग्रामीणों का आरोप है कि नाम खारिज होने के बावजूद रामजन्म दास जबरन मठ की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, और इस पूरे मामले में पुलिस और तहसील प्रशासन की भूमिका संदिग्ध लग रही है। बैठक में यह भी बताया गया कि ग्रामीण लंबे समय से इस भूमि पर खेती कर रहे हैं और पेड़-पौधों से प्राप्त आय से अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस अवैध कब्जे के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाई जाएगी और कानूनी विकल्पों को अपनाया जाएगा। ग्रामीणों ने पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि वे यह मुद्दा स्थानीय प्रशासन और राजस्व विभाग के समक्ष भी मजबूती से उठाएंगे और मठ की भूमि को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। बैठक में सुरेंद्र चौहान (पूर्व प्रधान), रामनिवास यादव (क्षेत्र पंचायत सदस्य), शिवलाल राम, गिरीशचंद्र विश्वकर्मा, तिलकराज यादव, रामहरि चौरसिया, सीताराम चौहान, हिरनाथ राम, गजेंद्र चौहान, दीवान चौहान, बुधराम चौहान समेत सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति रही।

Author: Ujala Sanchar
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