वाराणसी: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्राप्त लोकतांत्रिक अधिकारों का उपयोग करते हुए भारत मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में आगामी 1 जुलाई 2025 को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस आंदोलन का उद्देश्य लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, चुनावी पारदर्शिता और मूलनिवासी बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है।
इस बंद को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा जैसे संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है। देशभर में बहुजन समाज से जुड़े हजारों संगठनों ने इस शांतिपूर्ण बंद में भागीदारी की घोषणा की है।
भारत बंद के प्रमुख मुद्दे और माँगें:
ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं
आंदोलनकारियों का कहना है कि ईवीएम (EVM) प्रणाली की पारदर्शिता पर जनता का विश्वास समाप्त हो गया है। चुनावों में बार-बार धांधली और अनियमितता के आरोप सामने आए हैं। अतः लोकतंत्र को मजबूती देने हेतु ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर प्रणाली को पुनः लागू किया जाना चाहिए, जिससे निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सकें।
ओबीसी व अन्य जातियों की जाति आधारित जनगणना कराई जाए
आंदोलनकर्ताओं का आरोप है कि वर्तमान केंद्र सरकार, जो आरएसएस-बीजेपी के नेतृत्व में है, ओबीसी और सभी जातियों की जनगणना कराने से इनकार कर रही है।
यह रवैया सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि जातिगत जनगणना तत्काल कराई जाए, ताकि सभी वर्गों की वास्तविक सामाजिक-आर्थिक स्थिति सामने आ सके और योजनाएं उसी आधार पर बनाई जा सकें।
प्रशासन को सौंपी गई सूचना
इस संबंध में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस कमिश्नर एवं संबंधित थाना प्रभारी को लिखित सूचना दी गई है। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह बंद पूर्णतः शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक मर्यादा के अंतर्गत किया जाएगा।
भारत मुक्ति मोर्चा की ओर से प्रशासन से अपेक्षा की गई है कि वह इस आंदोलन के दौरान कोई दमनात्मक कार्रवाई न करे और शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।

Author: Ujala Sanchar
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