वाराणसी: गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिससे वाराणसी के घाटों और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बुधवार सुबह गंगा का जलस्तर 68.94 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। इस बढ़ते जलस्तर के चलते अस्सी घाट पर ‘सुबह-ए-बनारस’ का मंच पूरी तरह जलमग्न हो गया, वहीं शीतला माता मंदिर तक गंगा का पानी पहुंच गया है।

घाटों पर पानी, गंगा आरती प्रभावित
गंगा के बढ़ते जलस्तर से अस्सी, दशाश्वमेध, मणिकर्णिका समेत कई प्रमुख घाट डूब गए हैं। आरती स्थल जलमग्न होने के कारण दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत से सांकेतिक आरती की जा रही है। वहीं मणिकर्णिका घाट पर गलियों और छतों पर शवदाह किया जा रहा है।

नौकायन और क्रूज सेवा बंद
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गंगा में नौकायन और क्रूज संचालन पर रोक लगा दी है, जिससे सैलानियों को भी मायूसी का सामना करना पड़ा। दिल्ली से आए पर्यटक कर्नल गोपीनाथ ने बताया कि गंगा में जलस्तर बढ़ने से क्रूज कैंसल हो गया, लेकिन उन्होंने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की सराहना की और डूबे घाटों को ‘अद्भुत दृश्य’ बताया।
वरुणा नदी भी उफान पर
गंगा के पलट प्रवाह का असर वरुणा नदी पर भी देखा जा रहा है, जिससे तटवर्ती इलाकों में पानी घुसने लगा है। कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।
प्रशासन ने कसी कमर
संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। बाढ़ चौकियों को एक्टिवेट कर दिया गया है। राहत शिविरों में व्यवस्थाएं पूरी कर दी गई हैं। आला अधिकारी हालात की निगरानी कर रहे हैं और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
बारिश और बढ़ाएगी मुश्किल
पर्वतीय क्षेत्रों में जारी बारिश के कारण आने वाले दिनों में गंगा के जलस्तर में और तेजी से वृद्धि हो सकती है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि अगले 24-48 घंटों तक जारी रह सकती है।








