प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (Comprehensive Economic and Trade Agreement – CETA) पर हस्ताक्षर कर एक ऐतिहासिक आर्थिक साझेदारी की नींव रखी गई है। यह समझौता न केवल भारत के निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में नए अवसर देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख औद्योगिक हब मुरादाबाद, कानपुर और नोएडा को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ भी पहुंचाएगा।
उत्तर प्रदेश के तीन बड़े औद्योगिक शहर होंगे प्रमुख लाभार्थी
मुरादाबाद: पीतल नगरी को मिलेगा वैश्विक बाजार
मुरादाबाद, जो अपने पारंपरिक पीतल शिल्प और हस्तनिर्मित धातु उत्पादों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, अब ब्रिटिश बाजार में शुल्क-मुक्त निर्यात का लाभ उठाएगा। इससे कुटीर एवं लघु उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी और स्थानीय कारीगरों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।
कानपुर: चमड़ा उद्योग को मिलेगा नया विस्तार
कानपुर, जो वर्षों से चमड़ा और उससे बने उत्पादों (जैसे जूते, बेल्ट, बैग, जैकेट) का बड़ा निर्यातक रहा है, अब ब्रिटेन में और बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। इससे निर्यात बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
नोएडा: टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स के लिए स्वर्णिम अवसर
नोएडा, जो एक आधुनिक रेडीमेड गारमेंट और टेक्सटाइल हब है, इस एफटीए के तहत यूरोपियन खुदरा ब्रांड्स के लिए एक आकर्षक आपूर्ति केंद्र बनकर उभरेगा। शुल्क हटने से भारतीय परिधान अधिक किफायती होंगे और निर्यात में तेज़ी आएगी।
सरकार का सहयोग और समर्थन
वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों को लॉजिस्टिक्स, प्रमाणीकरण और मार्केटिंग सपोर्ट प्रदान कर रहा है, ताकि वे इस समझौते का अधिकतम लाभ उठा सकें। सरकार का उद्देश्य है कि यह समझौता संतुलित और समावेशी हो, जिससे पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के उद्योग लाभान्वित हों।
‘लोकल फॉर ग्लोबल’ की दिशा में मजबूत कदम
यह समझौता प्रधानमंत्री के ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ विज़न को साकार करने में एक अहम कड़ी साबित होगा। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य, जहां शिल्प, MSMEs और निर्यात आधारित उद्योगों की भरमार है, उन्हें इससे वैश्विक बाजार में विस्तार के नए द्वार मिलेंगे।








