हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना के लिए समर्पित होता है। नवरात्रि मुख्य रूप से साल में चार बार मनाई जाती है, जिनमें चौत्र, आश्विन, आषाढ़ और माघ महीने की नवरात्रियां शामिल हैं। चौत्र और आश्विन की नवरात्रियों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इनमें से चौत्र नवरात्रि को बड़ी और आश्विन नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान भक्तजन व्रत रखते हैं और मां भगवती की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे वे अपनी समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना करते हैं।
शारदीय नवरात्रि
इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है और 11 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है। नवरात्रि के इन रंगों का आध्यात्मिक महत्व होता है और ऐसा माना जाता है कि इन रंगों के कपड़े पहनने से मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस साल नवरात्रि के नौ दिनों में कौन-कौन से रंग पहनने चाहिए और उनका महत्व क्या है।
नवरात्रि के नौ दिन और उनके शुभ रंग
- पहले दिन शारदीय नवरात्रि के मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। पीला रंग खुशहाली, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह रंग आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है और मन को शांति प्रदान करता है।
- दूसरे दिन नवरात्रि को हरा रंग धारण किया जाता है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, जो तपस्या और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। हरा रंग नई शुरुआत, विकास और सामंजस्य का प्रतीक है। इसे पहनने से मानसिक संतुलन प्राप्त होता है और नई ऊर्जा का संचार होता है।
- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और इस दिन स्लेटी रंग के कपड़े पहनने का विधान है। यह रंग स्थिरता, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है। स्लेटी रंग धारण करने से मनोबल में वृद्धि होती है और जीवन में स्थिरता बनी रहती है।
- चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है। इस दिन नारंगी रंग धारण करना शुभ माना जाता है। नारंगी रंग उत्साह, ऊर्जा और सृजनशीलता का प्रतीक है। इसे पहनने से जीवन में सकारात्मकता आती है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है और इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और समर्पण का प्रतीक है। इसे धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और मन से नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है और इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनने का प्रचलन है। लाल रंग शक्ति, साहस और जुनून का प्रतीक है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में निडरता आती है।
- सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है और नीला रंग पहनने की परंपरा है। नीला रंग राजसी ठाठ, शान और धन का प्रतीक है। इसे धारण करने से जीवन में ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। गुलाबी रंग करुणा, प्रेम और सौम्यता का प्रतीक है। इसे पहनने से मन में प्रेमभाव बढ़ता है और जीवन में सद्धाव की वृद्धि होती है।
- नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है और इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। बैंगनी रंग आध्यात्मिकता, महत्वाकांक्षा और समृद्धि का प्रतीक है। इसे धारण करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
नवरात्रि के रंगों का आध्यात्मिक महत्व
हर रंग का एक गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान इन रंगों को पहनने से न केवल धार्मिक महत्व का पालन होता है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी बढ़ाता है। हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनने से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
