Search
Close this search box.

Varanasi: शारदीय नवरात्रि के नवमी पर मां सिद्धिदात्री का दर्शन, भक्तों को मिलता है अष्ट सिद्धियों का वरदान

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

Varanasi: शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के अवसर पर शुकवार को काशी में श्रद्धालु मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा-अर्चना में लीन हैं। सिद्धिदात्री देवी का प्रसिद्ध मंदिर गोलघर क्षेत्र में स्थित है, जबकि देवी भगवती के गौरी स्वरूप, महालक्ष्मी गौरी की पूजा लक्सा क्षेत्र के लक्ष्मीकुंड पर होती है।

शुक्रवार की भोर में दोनों मंदिरों में शृंगार के बाद मंगला आरती की गई और इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए द्वार खोल दिए गए। दिनभर श्रद्धालु दर्शन-पूजन में व्यस्त रहेंगे, और यह क्रम देर रात तक चलेगा। नवरात्रि के नौ दिनों से व्रत रखने वाले भक्तों ने हवन-पूजन और कन्या भोज कर अपने व्रत का समापन किया। 

मां सिद्धिदात्री देवी, जिन्हें अष्ट सिद्धियों की देवी माना जाता है। उनका पूजन करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं—अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व। इनकी उपासना से भक्तों को भी अष्ट सिद्धियों, नव निधियों, बुद्धि और विवेक का वरदान प्राप्त होता है।

कमल पर विराजमान मां सिद्धिदात्री लाल साड़ी पहने हुए चार भुजाओं में शंख, सुदर्शन चक्र, गदा और कमल धारण किए होती हैं। उनके मुख पर सुशोभित मंद मुस्कान और सिर पर मुकुट उनकी पहचान है।

पुजारी पंडित बच्चालाल मिश्र ने बताया कि नवमी तिथि को मां के दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। जो भक्त नवरात्रि के अन्य दिनों में देवी के रूपों का दर्शन नहीं कर पाते, वे नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करके नवदुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें