वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी आगमन से ठीक पहले सोमवार दोपहर वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल के खिलाफ नाराज वकीलों ने कचहरी से सर्किट हाउस तक नारेबाजी की और कलेक्ट्रेट गेट तक पहुंचने की कोशिश की। पुलिस ने गेट बंद करके उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वकीलों ने गेट खोलकर आगे बढ़ने की कोशिश की।
विवाद का कारण ये रहा
वकीलों का आरोप है कि स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। उनके अनुसार, मंत्री वकीलों के हितों के खिलाफ नीतियां लागू कर रहे हैं, जिसमें निबंधन मित्रों की तैनाती भी शामिल है। वकीलों का कहना है कि ये निर्णय वकालत के पेशे को कमजोर करने वाला है। पहले भी मंत्री द्वारा उठाए गए कदमों से वकीलों में नाराजगी रही है।
करीब 100 से ज्यादा वकीलों ने कचहरी परिसर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया और सर्किट हाउस तक पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान वकीलों ने सर्किट हाउस के सामने सड़क जाम कर दी और धरने पर बैठने की जिद पर अड़ गए। वकीलों के नारेबाजी और बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
ACP कैंट विदुष सक्सेना के नेतृत्व में पुलिस बल ने कलेक्ट्रेट गेट और सर्किट हाउस के पास प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। पुलिस और वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, लेकिन अफसरों के समझाने पर मामला शांत हुआ। वकीलों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी मांगों को प्रमुखता से रखा गया। वकीलों ने अपने ज्ञापन में स्टांप मंत्री के नीतिगत निर्णयों को वापस लेने और वकीलों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
सीएम के दौरे पर असर नहीं
इस हंगामे के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्धारित कार्यक्रम में कोई बाधा नहीं आई। वह राजकीय विमान से पुलिस लाइन हेलिपैड पहुंचे और सर्किट हाउस होते हुए यूपी कॉलेज के कार्यक्रम में शामिल हुए। पुलिस ने वकीलों के प्रदर्शन को संभालते हुए यातायात व्यवस्था को सामान्य बनाए रखा।
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