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नई दिल्ली: ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल बनी ग्लोबल डिमांड का केंद्र, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत से खरीदना चाहते हैं 15 देश

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नई दिल्ली: भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की वैश्विक मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” में पाकिस्तान के 11 एयरबेस और किराना हिल्स परमाणु ठिकाने पर सटीक हमला कर ब्रह्मोस ने अपनी घातक मारक क्षमता का लोहा मनवाया। अब 15 से अधिक देश भारत से यह मिसाइल खरीदने की इच्छा जता रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी से बढ़ी डिमांड

  • भारत ने इस मिशन में पाकिस्तान के संवेदनशील क्षेत्रों को टारगेट कर किराना हिल्स, जो उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम का अहम हिस्सा है, को भारी नुकसान पहुंचाया।
  • गूगल अर्थ की जून 2025 की सैटेलाइट इमेज में साफ देखा गया है कि सरगोधा जिले के एयरबेस और किराना हिल्स में विस्फोट के निशान हैं।
  • ब्रह्मोस की यह सटीकता और ताकत वैश्विक रक्षा बाजार में चर्चा का विषय बन चुकी है।

कौन-कौन से देश खरीदना चाहते हैं ब्रह्मोस:

भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए 15 देश आगे आए हैं, जिनमें प्रमुख हैं- इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला सहित कई अन्य देश शामिल है। इसके साथ ही इंडोनेशिया 200–350 मिलियन डॉलर में उन्नत ब्रह्मोस संस्करण खरीदने की बात कर रहा है। वियतनाम अपनी थलसेना और नौसेना के लिए 700 मिलियन डॉलर का सौदा तय करने की तैयारी में है।

भारत की उत्पादन क्षमता और निर्यात रणनीति:

  • जनवरी 2022 में भारत ने 375 मिलियन डॉलर की डील के तहत फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल बेची थी।
  • अप्रैल 2024 और अप्रैल 2025 में दो बैटरियां सौंप दी गईं। तीसरी बैटरी जल्द दी जाएगी।
  • उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (लखनऊ नोड) पर अब ब्रह्मोस का नया इंटीग्रेशन और टेस्टिंग प्लांट बन चुका है।
  • ₹300 करोड़ की लागत से बना यह प्लांट हर साल 100–150 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगा।

ब्रह्मोस की खासियतें:

  • मारक क्षमता: 290 से 400 किमी
  • स्पीड: 2.8 मैक (3,400 किमी/घंटा)
  • लॉन्चिंग: जमीन, समुद्र और हवा से
  • सिस्टम: “फायर एंड फॉरगेट”, यानी निशाना साधो और भूल जाओ
  • अगली पीढ़ी की मिसाइल: वजन घटाकर 1,290 किग्रा, एक फाइटर जेट अब तीन मिसाइलें ले सकेगा।

भारत की रक्षा निर्यात में ऐतिहासिक छलांग

ब्रह्मोस की बढ़ती मांग भारत को वैश्विक रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ी छलांग है। डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के साथ बने संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने दुनिया के सबसे तेज और भरोसेमंद क्रूज मिसाइलों में ब्रह्मोस को शामिल कर दिया है।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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