काशी पहुंचे साइबेरियन पक्षियों ने बढ़ाया घाटों का आकर्षण, ठंड के साथ बढ़ेगी संख्या

वाराणसी: ठंड के मौसम में काशी न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों का स्वागत करती है, बल्कि प्रवासी पक्षियों का भी। गंगा के तट पर हर साल साइबेरियन पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं, जो पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। इस साल भी इन मेहमान परिंदों का आगमन शुरू हो गया है।  

बीएचयू के विज्ञान संकाय की पूर्व प्रमुख प्रो. चंदना हलधर ने बताया कि ठंड के मौसम में उत्तरी ध्रुव के पास रहने वाले पक्षी गर्म इलाकों की ओर पलायन करते हैं। भारत की नदियां और झीलें इन पक्षियों के लिए आदर्श स्थान बनती हैं। गंगा के तट पर साइबेरियन पक्षी प्रजनन और अपने जीवन चक्र को पूरा करने आते हैं। इस साल उनका आगमन सामान्य से थोड़ा देर से हुआ है, लेकिन अगले 10 दिनों में उनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।  

ग्रेटर फ्लेमिंगो और अन्य प्रवासी पक्षी नवंबर से मार्च तक काशी में डेरा डालते हैं। वे गंगा की लहरों और घाटों पर सैलानियों का ध्यान खींचते हैं। इन पक्षियों का झुंड गंगा की रेत पर अंडे देता है और मार्च में अपने बच्चों के साथ वापस लौट जाता है।  

यूक्रेन युद्ध और जलवायु परिवर्तन के चलते इन पक्षियों के प्रवास के मार्ग और समय में बदलाव देखा गया है। साइबेरिया और उसके आस-पास के इलाकों से आने वाले ये पक्षी ठंडी जगहों की तलाश में भारत जैसे मैदानी इलाकों का रुख करते हैं।  

गंगा के स्वच्छ होने से इन पक्षियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि सैलानियों द्वारा इन्हें ब्रेड या नमकीन खिलाना हानिकारक हो सकता है। इससे पक्षियों की जान भी जा सकती है।  

See also  स्विटजरलैंड में बनकर तैयार गोदौलिया रोपवे स्टेशन का स्ट्रक्चर, स्थान बदला तो होगा भारी नुकसान 

प्रो. हलधर बताती हैं कि यह पक्षी हर साल अपने ठहरने के स्थान को याद रखते हैं और उसी रास्ते से वापस जाते हैं, जिससे वे आते हैं। इनकी मौजूदगी से गंगा घाटों की सुंदरता और पर्यटकों का अनुभव दोनों ही बढ़ जाते हैं। काशी के घाटों पर इन पक्षियों का कलरव सर्दियों की पहचान बन चुका है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *