महाराष्ट्र। द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र में वर्ष 2012 में दो वर्षीय बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के दोषी की दया याचिका को खारिज कर दिया है। 25 जुलाई 2022 को पदभार ग्रहण करने के बाद यह राष्ट्रपति द्वारा अस्वीकार की गई तीसरी दया याचिका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2019 को दोषी को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि आरोपी का अपनी कामुक इच्छाओं पर कोई नियंत्रण नहीं था और उसने अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए सभी प्राकृतिक, सामाजिक और कानूनी सीमाओं को पार कर लिया।
यह मामला महाराष्ट्र से जुड़ा है, जहां 2012 में हुई इस जघन्य घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के साथ ही दोषी को दी गई मृत्युदंड की सजा पर अंतिम मुहर लग गई है।








