वाराणसी: उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस (पूर्वी जोन) के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौबे ने गुरुवार को कचहरी स्थित शाही दरबार में आयोजित पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश शासन ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया था, लेकिन 11 वर्षों बाद भी मत्स्य पालकों को कृषि जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
संजय चौबे ने कहा कि यदि मत्स्य पालन को वास्तव में कृषि का दर्जा दिया गया है, तो मत्स्य पालकों को भी कृषि की दर पर बिजली आपूर्ति, अनुदानित दर पर ऋण, प्राकृतिक आपदा से बीमा सुरक्षा, विपणन सहायता, और स्टांप शुल्क में छूट जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब अभी तक कागजों तक ही सीमित है।
उन्होंने यह भी बताया कि “दो साल पहले तक जब कोई मत्स्य पालक तालाब (पोखरा) खुदवाकर बिजली कनेक्शन लेने जाता था, तो उसे सीधे कमर्शियल दर पर एस्टीमेट बना कर दिया जाता था। और अब स्थिति यह है कि कई अधिशासी अभियंता तक इस बात से अनभिज्ञ हैं कि मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिल चुका है।”
संजय चौबे ने सरकार से मांग की कि मत्स्य पालकों को कृषि श्रेणी की सभी सुविधाएं अविलंब लागू की जाएं और इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए, ताकि मत्स्य पालक वर्ग जागरूक हो सके और लाभ उठा सके।

Author: Ujala Sanchar
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