गाजीपुर। दीपों के त्यौहार पर जहां पूरा देश खुशियों और रोशनी में डूबा था, वहीं जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के हाटा गांव में एक घर पर हमेशा के लिए अंधेरा छा गया। इस दर्दनाक दुर्घटना में 7 वर्षीय मासूम राधा बनवासी की मौत ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया।

जानकारी के अनुसार, राधा लालमोहर बनवासी की प्यारी और हंसमुख बेटी थी। रोज की तरह वह अपने पालतू सूअर के साथ रेलवे लाइन के पास स्थित नगर पालिका मोहम्मदाबाद द्वारा डाले गए कचरे के ढेर की ओर चली गई थी। लेकिन इस बार किस्मत ने उसके लिए कुछ और ही लिख रखा था।
नगर पालिका द्वारा फेंके गए कचरे के नीचे बरसाती पानी और कीचड़ का दलदल बन चुका था। ऊपर से सूखी दिख रही सतह को राधा ने ज़मीन समझ लिया। जैसे ही उसने कदम रखा, पलभर में वह कीचड़ और पानी के गड्ढे में धंस गई। किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला और कुछ ही क्षणों में वह इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गई।
जब शाम तक राधा घर नहीं लौटी, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। खोजबीन शुरू हुई, और एक ग्रामीण ने बताया कि उसने राधा को कचरे के ढेर के पास खेलते देखा था। परिजन जब वहां पहुंचे, तो उनका दिल दहल गया राधा कीचड़ भरे दलदल में फंसी हुई थी। उसे किसी तरह बाहर निकालकर मोहम्मदाबाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दीपावली की शाम जब पूरे मोहल्ले में दीपक जल रहे थे, राधा के घर से रोने-बिलखने की आवाजें उठ रही थीं। पूरे गांव पर मातम छा गया। मां-बाप की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे, और गांव का हर व्यक्ति गमगीन है।
ग्रामीणों ने नगर पालिका मोहम्मदाबाद पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कचरा निस्तारण स्थल पर जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते वहां खतरनाक गड्ढे और दलदल बन गए हैं। यही लापरवाही इस मासूम की जान लेने का कारण बनी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नगर पालिका की जवाबदेही तय की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं। दीपों की जगमगाहट के बीच हाटा गांव की राधा का बुझा हुआ दीपक अब हमेशा याद रहेगा — उस मासूम की याद में, जिसने खेलते-खेलते मौत को गले लगा लिया।







