गाजीपुर। जिले के किसानों के लिए इस बार रबी सीजन की शुरुआत चिंता के साथ हो रही है। भीमापार, उचौरी और माहपुर क्षेत्र में डीएपी खाद की भारी किल्लत के चलते आलू, सरसों और गेहूं की बुआई प्रभावित हो रही है। सहकारी समितियों पर किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन हर दिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

सहकारी समितियों पर ताला, किसान परेशान
भीमापार, उचौरी और माहपुर स्थित साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों का कहना है कि रोज़ाना सुबह से लाइन में लगने के बाद भी शाम तक उन्हें खाद नहीं मिल पा रही।
किसान घनश्याम सिंह, अरविंद सिंह और रविन्द्र सिंह ने बताया कि “सरसों और आलू की बुआई जोरों पर है, और दो सप्ताह में गेहूं की बुआई शुरू हो जाएगी। लेकिन खाद के अभाव में खेत सूखने लगे हैं।”
निजी दुकानदारों ने बढ़ाए दाम
सरकारी समितियों पर डीएपी की अनुपलब्धता का फायदा निजी दुकानदार उठा रहे हैं। किसान बताते हैं कि जहां सहकारी समिति पर डीएपी ₹1350 प्रति बोरी में मिलती है, वहीं निजी दुकानों पर यही डीएपी ₹1600 से ₹1800 प्रति बोरी तक बिक रही है।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि “निजी दुकानदार जानते हैं कि सरकारी गोदाम में खाद नहीं है, इसलिए वे मनमाने दाम वसूल रहे हैं। ऊंचे दाम देने के बावजूद खाद की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है।”
प्रशासनिक लापरवाही से बढ़ी समस्या
भीमापार सहकारी समिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि अरुण पांडेय ने बताया कि “पिछले दो महीने से प्रशासनिक लापरवाही के कारण समिति पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बार-बार पत्र भेजे गए, लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं हुई।”
खेती पर संकट, किसानों में आक्रोश
डीएपी की कमी से खेती का पूरा चक्र प्रभावित हो रहा है। जिन किसानों ने पहले ही आलू या सरसों की बुआई कर दी है, वे अब फसल को बचाने के लिए चिंतित हैं। वहीं, जिनके खेत तैयार हैं, वे खाद के अभाव में बुआई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द डीएपी की आपूर्ति नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
ब्यूरोचीफ – संजय यादव







