वाराणसी में इंटरनेशनल मानक के तहत होगा ग्रीन रोड का निर्माण, 48 करोड़ से 9 सड़कों का होगा कायाकल्प 

Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब ग्रीन एनर्जी और ग्रीन टेक्नोलॉजी के बाद ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम के तहत ग्रीन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के तहत करीब 48 करोड़ रुपए खर्च करके वाराणसी की 9 सड़कों का चयन किया गया है, 6 सड़कों पर कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। इन सड़कों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा, जिससे शहरवासियों और पर्यटकों को बेहतर ड्राइविंग और राइडिंग का अनुभव मिलेगा।

इस परियोजना का उद्देश्य सड़कों पर बार-बार होने वाली खुदाई, अतिक्रमण और अन्य दिक्कतों को समाप्त करना है। उम्मीद की जा रही है कि जनवरी 2025 तक वाराणसी की ये सड़कें एक नए स्वरूप में नजर आने लगेंगी।

इस परियोजना को नगर निगम द्वारा मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (सीएम ग्रिड योजना) के अंतर्गत लागू किया जा रहा है। योजना के तहत, वाराणसी की 6 प्रमुख सड़कों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुताबिक तैयार किया जाएगा। ये सड़कें शहर की व्यस्ततम सड़कों में शामिल हैं और इनसे प्रतिदिन 10,000 से 15,000 वाहनों का आवागमन होता है। ऐसे में इन सड़कों का कायाकल्प न केवल वाहनों के सुगम संचालन के लिए लाभकारी होगा बल्कि काशी की बढ़ती आबादी और पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए एक आवश्यक कदम भी है।

ग्रीन सड़कों की खासियत यह है कि ये पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और इनमें वेस्ट मैटेरियल, जैसे प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है। इस प्रकार के ग्रीन रोड का निर्माण विदेशों में काफी सफल रहा है, और भारत में अब लखनऊ विधानसभा के सामने इसी तकनीक पर आधारित सड़क बनाई जा चुकी है। वाराणसी में इस तकनीक का दूसरा प्रयोग किया जा रहा है, जिससे इस पवित्र शहर को टिकाऊ और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर एक कदम और बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

नगर निगम के चीफ इंजीनियर मोईनुद्दीन ने बताया कि इन सड़कों में अंडरग्राउंड केबल लाइन, बिजली के तार और पानी की पाइपों को भूमिगत किया जाएगा, जिससे बार-बार सड़कों की कटाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, इन सड़कों पर भूमिगत नाली का निर्माण, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट और वृक्षारोपण जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। सड़कों की ऊपरी सतह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी।

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ग्रीन सड़कों के निर्माण में 7% प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी सुविधाओं के साथ इन सड़कों का निर्माण 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस परियोजना से वाराणसी के लोग बेहद उत्साहित हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि शहर की बदलती तस्वीर और पर्यटकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वाराणसी में बेहतर सड़कें बेहद जरूरी हैं। इंटरनेशनल स्तर की सड़कें न केवल शहर के विकास को गति देंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी एक बेहतर और सुरक्षित सफर का अनुभव प्रदान करेंगी।

इन सड़कों का कायाकल्प

तिलक जी मूर्ति से भारत सेवाश्रम संघ                                          610 मीटर     12.26 करोड़
गोलघर चौराहा से एलटी कालेज                                                 241 मीटर      44 लाख
घंटी मिल से सिगरा थाना                                                           250 मीटर      5.48 लाख
सिगरा चौराहा से औरंगाबाद                                                      1100 मीटर     13.15 लाख
सुन्दरपुर मुख्य मार्ग से मुंशी पार्क वाया चेरियल हास्पिटल                470 मीटर    6.54 लाख
रविदास गेट से ट्रामा सेन्टर                                                         545 मीटर    6.98 लाख

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