Varanasi: कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के विरोध में बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। रेजीडेंट डॉक्टर अपने नियमित कार्यों को छोड़कर आईएमएस भवन के बाहर धरना दे रहे हैं और अपने विरोध को दर्ज करा रहे हैं। सैकड़ों डॉक्टर इस प्रदर्शन में शामिल होकर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी और कोलकाता में हुई घटना में उनकी सहयोगी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे।

इस हड़ताल के चलते ओपीडी में मरीजों को इलाज के लिए सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हालांकि, जांच के बाद रिपोर्ट प्राप्त करने और वार्ड में भर्ती होने में मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज और उनके परिजन घंटों तक डॉक्टर से मिलने के इंतजार में बैठे हैं। अधिक मरीजों की संख्या के कारण कई लोग इलाज नहीं करवा पाए, जिससे उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

यह बता दें कि बीएचयू का सर सुंदरलाल अस्पताल पूर्वांचल के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है, जिसे ‘पूर्वांचल का एम्स’ भी कहा जाता है। यहां दूर-दूर से मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन हड़ताल के चलते कई मरीजों को डॉक्टरों से परामर्श नहीं मिल सका। कुछ मरीज जिन्हें रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिले, वे या तो प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं या निराश होकर घर वापस लौट रहे हैं।
इमरजेंसी सेवाओं पर भी इसका असर पड़ा है, जहां मरीजों को भर्ती करने में अस्पताल प्रशासन को मुश्किलें आ रही हैं। सुबह 10 बजे तक स्थिति यह थी कि कई मरीज स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें वार्ड के अंदर जगह नहीं मिल सकी।

Author: Ujala Sanchar
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