भोपाल: मध्य प्रदेश में पत्रकार से अभद्रता करने का मामला तूल पकड़ गया है। एक वायरल वीडियो के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
मामला एक जिले के थाने का है, जहां डिप्टी एसपी (सीओ) ने एक वरिष्ठ पत्रकार से बदसलूकी करते हुए कहा: “तुम्हारे बाप का थाना है जो मुंह उठाकर चले आते हो?” पत्रकार ने पलटवार करते हुए कहा: “अगर तुम्हारे बाप का थाना है तो रजिस्ट्री दिखा दो।”
पत्रकार, जो देश के एक प्रतिष्ठित समाचार चैनल में संपादक भी हैं, निजी कार्य से शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे थे। इस दौरान हुए दुर्व्यवहार का वीडियो वायरल होते ही पत्रकार संगठनों और आम नागरिकों में रोष फैल गया।
जैसे ही मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा, उन्होंने तुरंत एसएसपी को मौके पर भेजने का निर्देश दिया। सीएम की सख्ती का असर ऐसा रहा कि थाने से लेकर जिले स्तर तक के अधिकारी बैकफुट पर आ गए।
मामले को शांत करने के लिए, डिप्टी एसपी से लेकर अन्य अधिकारी—एसएसपी, सीओ और इंस्पेक्टर तक ने पत्रकार से माफी मांगी। पत्रकार ने जब कहा,”हाथ जोड़ो, तभी माफ करूंगा।” तो सीओ ने हाथ जोड़कर कहा: “लो हाथ जोड़ दिए, अब माफ कर दो।”
दरअसल, सीओ को लगा कि सामने कोई स्थानीय पत्रकार है, लेकिन जब उन्हें पता चला कि संबंधित व्यक्ति एक राष्ट्रीय स्तर के न्यूज़ चैनल में संपादक हैं, तो पूरे थाने में हड़कंप मच गया।
यह घटना ना केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सत्ता की शीर्ष कुर्सी से हस्तक्षेप होने पर ही न्याय की दिशा तय होती है। फिलहाल मामला सीओ की सार्वजनिक माफी के बाद शांत हुआ है, लेकिन पत्रकार संगठनों ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है।

Author: Ujala Sanchar
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