सोनभद्र: अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। संगठन ने ज्ञापन में कहा कि उच्चतम न्यायालय के 1 सितम्बर के निर्णय के अनुसार सभी सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है, चाहे उनकी नियुक्ति की तिथि कोई भी हो। इस निर्णय से देशभर के लाखों शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा और आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
मंडल अध्यक्ष अखिलेश वत्स और जिलाध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वैध नियमों के अंतर्गत नियुक्त अनुभवी शिक्षकों की सेवा और गरिमा को सुरक्षित रखना जरूरी है। जिला महामंत्री इंदु प्रकाश सिंह, गणेश पांडेय, रवि भूषण सिंह व धीरेन्द्र पति त्रिपाठी ने इसे अन्यायपूर्ण बताया।
नेताओं ने कहा कि जिन शिक्षकों को पहले टीईटी से छूट दी गई थी, उन्हें अब परीक्षा के दायरे में लाना अनुचित है। इस निर्णय से लगभग 20 लाख शिक्षक चिंता में हैं। महासंघ नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक समाधान नहीं निकलता, आंदोलन जारी रहेगा।







