वाराणसी। सांसद वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को आयुक्त, वाराणसी मंडल से मुलाकात की और गरीब, भूमिहीन एवं वंचित समाज को शीघ्र घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की मांग उठाई।
सांसद ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के अंतर्गत मतदाता सूची का पुनरीक्षण होने जा रहा है। ऐसे में गरीब एवं भूमिहीन नागरिकों के लिए अपनी नागरिकता साबित करना कठिन होगा। घरौनी उनके लिए नागरिकता का वैध प्रमाण बन सकती है और इससे वे अपने संवैधानिक मताधिकार से वंचित नहीं होंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीब, अतिपिछड़े, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को जानबूझकर घरौनी से वंचित किया जा रहा है, ताकि उनके नाम मतदाता सूची और राशन कार्ड से हटाए जा सकें और वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं — जैसे मुफ्त राशन, पेंशन, किसान और महिला सहायता — से भी वंचित हो जाएं। इतना ही नहीं, उन्हें शिक्षा और नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण से भी वंचित करने की साजिश रची जा रही है।
सांसद ने भाजपा और आर.एस.एस. पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सोची-समझी रणनीति है, लेकिन समाजवादी विचारधारा के जनप्रतिनिधि, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे और गरीबों के अधिकारों की रक्षा हेतु हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
सांसद ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि यदि सरकार गरीबों को शीघ्र घरौनी उपलब्ध नहीं कराती और SIR से पूर्व वैध मालिकाना हक का प्रमाण पत्र नहीं देती तो समाजवादी जनप्रतिनिधि चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया का विरोध और बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।









