वाराणसी: बिजली के निजीकरण के खिलाफ विरोध की चिंगारी अब तेज़ होती जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में आज शास्त्री घाट, वाराणसी पर बिजली कर्मचारियों और किसान संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें थीं:
- बिजली का निजीकरण तत्काल बंद किया जाए
- गरीबों के लिए रियायती दरें बहाल की जाएं
- स्मार्ट मीटर योजना को वापस लिया जाए
- हर उपभोक्ता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए
प्रदर्शन में शामिल अफलातून, संयुक्त किसान मोर्चा की कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य ने बताया कि यह आंदोलन केवल बिजली कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे देश की आम जनता, किसानों, दुकानदारों और लघु उद्योगों के हित का है।
उन्होंने कहा:”निजीकरण से सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि किसानों, छोटे व्यापारियों और आम जनता को भारी नुकसान होगा। जब सेवा नहीं, मुनाफा मकसद बन जाएगा तो जनता की मुश्किलें बढ़ेंगी।”
अफलातून ने यह भी बताया कि इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, किसान महासभा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, और भाकपा (माले)-लिबरेशन जैसे संगठन एकजुट हुए हैं और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक साथ इस आंदोलन को अंजाम दे रहे हैं।

Author: Ujala Sanchar
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