वाराणसी: सीडीओ के अभिनव प्रयास से संचारी रोगों पर लगेगी लगाम, तालाबों में ड्रोन तकनीक से एण्टीलार्वा का छिड़कॉव

ब्लाक काशी विद्यापीठ के ग्राम सगहट व करसडा के तालाबों में ड्रोन तकनीक से किया गया एण्टीलार्वा का छिड़कॉव

ट्रायल के उपरान्त लार्वा जॉच में विनष्ट पाये गये

वाराणसी: मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल वाराणसी के निर्देशन में एण्टीलार्वा छिड़कॉव हेतु ड्रोन तकनीकि के प्रयोग पर कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के दृष्टिगत छोटे जलाशय व तालाब जिनमें गंदा पानी भरा होता है। साथ ही आर्गेनिक वस्तुओं की बहुतायत होती है। ऐसे तालाबों में मच्छरों के लार्वा प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। जनपद में इस अभिनव प्रयास से संचारी रोगों पर नियंत्रण अवश्य किया जा सकेगा। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।

सीएमओ ने बताया कि तालाब या जलाशय होने के कारण एण्टीलार्वा का छिड़कॉव चैलेंज हुआ करता है। ऐसे में मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी द्वारा अभिनव प्रयोग किए जाने की पहल के क्रम में काशी विद्यापीठ ब्लाक के ग्राम सगहट व करसड़ा के तालाब में ड्रोन तकनीक से एण्टीलार्वा के छिड़कॉव हेतु ट्रायल किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि ग्राम सगहट के तालाब में काफी मात्रा में लार्वा थे जो ट्रायल के उपरान्त जॉच में विनष्ट पाये गये।

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि ड्रोन से छिड़कॉव की तकनीक के कई फायदे हैं। अतः यह उन क्षेत्रों में कारगर हो सकता है जो व्यक्तियों के स्तर पर सुगम नहीं हो, साथ ही नई तकनीक से कम समय में पूरे तालाब में छिड़कॉव किया जा सकता है। सफल परीक्षण के उपरान्त ऐसे तालाबों की सूची तैयार की जाएगी, जिनमें आर्गेनिक पदार्थ व गंदा पानी भरा हो, साथ ही मच्छरों के प्रजनन की अनुकूल परिस्थितियॉ हों।

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