वाराणसी: बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) ने वन स्टॉप सेंटर की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। करीब छह माह पहले फोरेंसिक विभाग ने कुलपति और निदेशक को प्रस्ताव भेजकर सेंटर की स्थापना के वाजिब कारण गिनाए थे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), दिल्ली ने इस योजना के लिए बजट आवंटन की इच्छा जताई थी, लेकिन स्थान उपलब्ध न होने के कारण परियोजना अटक गई।
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं और बच्चों को एक ही जगह चिकित्सा, कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता देना था। इस योजना में पांच विभागों को समन्वित रूप से कार्य करना था। फोरेंसिक विभाग ने इसके लिए ICMR से 3.45 करोड़ रुपये की मांग की थी और ट्रॉमा सेंटर में स्थान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।
फिलहाल वाराणसी जिले में यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं और बच्चों के लिए कोई समर्पित केंद्र नहीं है। यदि यह सेंटर स्थापित होता तो विशेषज्ञों की मदद से पीड़ितों को त्वरित राहत मिलती। लेकिन स्थान आवंटन न होने के कारण यह योजना अधर में लटक गई है।
बीएचयू के फोरेंसिक विभाग ने पोस्टमार्टम व्यवस्था में सुधार किया है। वर्तमान में हर दिन छह से अधिक शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। जिले में पोस्टमार्टम की सुविधा बीएचयू और शिवपुर में उपलब्ध है।

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