Lucknow: सीएम योगी और अखिलेश की परीक्षा की घड़ी फिर आ गई है। यूपी चुनाव की तारीखों का ऐलान आज हो सकता है। चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है।
माना जा रहा है कि इसके साथ ही अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो सकता है। इससे पहले भी हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव के साथ ही उपचुनाव करने की बात सामने आई थी।
यूपी में मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसामऊ, कुंदरकी, करहल, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और खैर विधानसभा की दस सीटों पर उपचुनाव होना है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में होने वाले उपचुनाव के लिए 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुके हैं।
वहीं भाजपा ने 9 सीटों को अपने पास रखा है और एक सीट रालोद को दी है। बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं पर नाम की घोषणा अभी नहीं की है। वहीं मायावती ने भी उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है पर बसपा से अभी कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं आया है।
करहल विधानसभा उपचुनाव
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के असेंबली से इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव हो रहा है। कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सपा अध्यक्ष ने संसद लौटने का फैसला लिया था। अखिलेश ने इस सीट पर रिश्ते में अपने भतीजे और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह यादव को एसपी का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने अभी पत्ता नहीं खोला है।
फूलपुर उपचुनाव
प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट 2009 में आस्तित्व में आई। फूलपुर विधानसभा सीट पर प्रवीण पटेल 2022 में जीते थे। फूलपुर से सपा के सिंबल पर मुस्तफा सिद्दीकी मैदान में हैं। बीजेपी ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारा है। यहां 2 बार कुर्मी और एक बार मुस्लिम विधायक चुने गए हैं।
मझवां विधानसभा उपचुनाव
मिर्जापुर की मझवा विधानसभा सीट बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर लड़े निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफा की वजह से रिक्त हुई है। सपा ने पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने अभी इस सीट पर पत्ता नहीं खोला है।
कटेहरी उपचुनाव
अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से लालजी वर्मा विधायक थे, जो अब अंबेडकरनगर के सांसद बन गए हैं। सपा ने कटेहरी से शोभावती वर्मा को यहां से टिकट दिया है। बीजेपी ने अभी ऐलान नहीं किया है।
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव
मिल्कीपुर (अयोध्या) यह सबसे चर्चित सीटों में से एक है जहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने 47.99% वोटों के साथ जीत हासिल की थी। अवधेश प्रसाद अब सांसद हो गए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद मिल्कीपुर सेट काफी चर्चा में है। सपा ने मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी चार बार तो बीजेपी दो बार चुनाव जीती है। वहीं कांग्रेस ने तीन बार जीत दर्ज की है। यहां पासी यादव ब्राह्मण तीन जातियां चुनाव में अहम भूमिका निभाती हैं।
गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव
गाजियाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के अतुल गर्ग विधायक थे। वह अब सांसद हो गए हैं। इसके बाद यह सीट खाली हो गई। 2012 में यहां बसपा जीती थी और 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
मीरापुर विधानसभा उपचुनाव
मुरादाबाद की मीरापुर विधानसभा सीट पर रालोद तो कब्जा था। यहां चंदन चौहान विधायक थे। उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में बसपा तो 2017 में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की थी। यहां जाट और मुसलमानों का प्रभाव ज्यादा है।
सीसाामऊ विधानसभा उपचुनाव
कानपुर नगर की सीसाामऊ विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी इरफान सोलंकी ने जीत हासिल की थी। यहां से सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। सीसामऊ सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है।
खैर विधानसभा उपचुनाव
अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भाजपा के विधायक अनूप प्रधान विधायक थे। अनूप सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर संसद बन गए हैं। 2012 में या सेट रालोद ने और 2017 ने बीजेपी में जीती थी। इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो जाट, ब्राह्मण ,दलित और मुसलमान का अच्छा प्रभाव दिखता है।
कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव
संभल की कुंदरकी विधानसभा सीट पर जियाउल रहमान बर्क विधायक थे। वह संभल लोकसभा सीट से सांसद हो गए हैं। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है। सपा इस सीट पर 2012-17 और 2022 में चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी है। यह सीट बीजेपी के लिए चुनौती बनी हुई है।
6 सीटाें पर सपा के ये उम्मीदवार
सपा ने छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। करहल से तेज प्रताप सिंह यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुफ्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझंवा से ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा का इन सीटों पर फोकस
भाजपा का खासतौर से कुंदरकी, सीसामऊ, मिल्कीपुर और कटेहरी पर फोकस है। गाजियाबाद और खैर पहले से पार्टी के पास थीं। वहीं मझवां और फूलपुर सीटों पर भी एनडीए का कब्जा था। जहां तक उपचुनाव वाली सीटों का सवाल है तो भाजपा ने यहां चुनावी तैयारी तो काफी पहले ही शुरू कर दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सभी सीटों पर एक राउंड का दौरा कर चुके हैं। इसके लिए संगठन और सरकार के चेहरों को भी सीटवार जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी की ओर से 30 मंत्रियों को 10 सीटों पर लगाया गया है।
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