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Share Market : फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती से पहले भारतीय और वैश्विक बाजारों में उछाल

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भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों में इन दिनों जबरदस्त तेजी देखी जा रही है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों के चलते बाजारों में यह सकारात्मक रुझान देखा जा रहा है। भारत में, निफ्टी और सेंसेक्स जैसे प्रमुख सूचकांकों ने रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छुआ है।

भारतीय बाजारों का प्रदर्शन: नई ऊंचाइयों पर निफ्टी और सेंसेक्स

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। दोनों प्रमुख सूचकांक – निफ्टी और सेंसेक्स – नए रिकॉर्ड स्तर पर खुले। निफ्टी 50 सूचकांक 41.55 अंकों की बढ़त के साथ 25,430.45 पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स पहली बार 83,000 अंक को पार कर 83,091.55 पर खुला। यह उछाल दर्शाता है कि निवेशक भारतीय बाजारों में मजबूती से भरोसा कर रहे हैं।

फेड की ब्याज दर कटौती: वैश्विक बाजारों पर असर

वैश्विक स्तर पर, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने बाजारों में तेजी लाई है। 18 सितंबर को फेड द्वारा दरों पर निर्णय लिया जाएगा, और इस फैसले को लेकर निवेशक काफी उत्साहित हैं। इसका सीधा असर अमेरिकी डॉलर की कमजोरी पर भी पड़ सकता है, जिससे इक्विटी बाजारों में तेज़ी आ सकती है।

बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा का मानना है कि फेड की कार्रवाई से पहले भारतीय बाजार में अस्थायी जोखिम हो सकता है। उन्होंने कहा कि एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) ने सतर्कता से हटकर आशावादी दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।

भारतीय शेयर बाजारों में क्षेत्रीय सूचकांकों का प्रदर्शन

शुक्रवार को निफ्टी के क्षेत्रीय सूचकांकों में निफ्टी मीडिया में सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज की गई, इसके बाद निफ्टी मेटल और निफ्टी पीएसयू बैंक का स्थान रहा। यह वृद्धि उन क्षेत्रों में विश्वास का संकेत है, जो बाजार की सकारात्मक भावना को समर्थन दे रहे हैं।

एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख

हालांकि, एशियाई बाजारों में शुक्रवार को मिलाजुला प्रदर्शन देखने को मिला। जापान के निक्केई सूचकांक में 0.89 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक स्थिर रहा। वहीं, हांगकांग के शेयर बाजार में 1.16 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि ताइवान के ताइवान वेटेड सूचकांक में 0.14 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई।

अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में सकारात्मक रुझान

गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में लगातार चौथे सत्र में तेजी रही। एसएंडपी सूचकांक में 0.75 प्रतिशत और नैस्डैक में 1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, यूरोपीय बाजारों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला, जब यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की।

जर्मनी के DAX सूचकांक में 1.02 प्रतिशत, फ्रांस के CAC सूचकांक में 0.51 प्रतिशत और ब्रिटेन के FTSE सूचकांक में 0.57 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। इससे यह साफ हो गया कि यूरोपीय निवेशक भी बाजार में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।

भारतीय बाजारों का गुरुवार का प्रदर्शन: सभी क्षेत्रों में खरीददारी

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में व्यापक स्तर पर खरीददारी देखने को मिली। सेंसेक्स ने 1,439.55 अंकों की बढ़त के साथ 82,962.71 पर रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी भी 395.40 अंकों की बढ़त के साथ 25,313.85 पर बंद हुआ।

यह उछाल सभी प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक खरीददारी के कारण हुआ, जो निवेशकों की मजबूत भावना और सकारात्मक बाजार दृष्टिकोण को दर्शाता है। चाहे वह बैंकिंग हो, आईटी सेक्टर हो या मेटल, सभी क्षेत्रों में मजबूती देखने को मिली।

बाजार में उछाल के पीछे का कारण: निवेशकों का विश्वास

यह कहना गलत नहीं होगा कि बाजार में इस समय निवेशकों का विश्वास चरम पर है। फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती और डॉलर की कमजोरी की उम्मीदों ने निवेशकों को उत्साहित किया है। इसके अलावा, भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की मजबूत खरीददारी भी उछाल का एक बड़ा कारण है।

भारतीय बाजारों में विशेष रूप से एफआईआई की बढ़ती दिलचस्पी ने बाजार की दिशा को सकारात्मक बनाए रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी यह रुझान जारी रह सकता है, बशर्ते फेड की दर कटौती निवेशकों की उम्मीदों के अनुरूप हो।

भविष्य की संभावनाएं: फेड की घोषणा का इंतजार

18 सितंबर को फेडरल रिजर्व की दर घोषणा से पहले भारतीय बाजारों में थोड़ी अस्थिरता देखी जा सकती है, लेकिन कुल मिलाकर, बाजार का रुझान सकारात्मक है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फेड दरों में कटौती करता है, तो भारतीय बाजारों में और भी तेजी देखी जा सकती है। निवेशकों को अगले कुछ दिनों में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि बाजार में अस्थिरता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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