
Varanasi: शहर में मंगलवार से डाला छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है और व्रत रखने वाली महिलाएं पूरे जोश के साथ तैयारियों में जुट गई हैं। नगर निगम और घाट प्रशासन ने घाटों की सफाई और व्यवस्था के लिए विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं। बाढ़ के बाद घाटों पर जमी मिट्टी को हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
दशाश्वमेध घाट के सुपरवाइजर कामेश्वर सेठ ने बताया कि सफाई के लिए तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात किए गए हैं और पानी निकालने के लिए जगह-जगह पंप लगाए गए हैं। उन्होंने घाटों पर आने वाले लोगों से साफ-सफाई बनाए रखने की अपील भी की है। सेठ ने आश्वासन दिया कि एक से दो दिनों में सभी घाटों की सफाई पूरी हो जाएगी।

दशाश्वमेध घाट के समीप स्थित अहिल्याबाई घाट पर जेटी लगाई गई है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है। एनडीआरएफ, जल पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में जेटी पर भीड़ को संभालने का प्रयास हो रहा है। हालांकि, सुपरवाइजर ने चेतावनी दी है कि जेटी पर किसी प्रकार की असावधानी से दुर्घटना हो सकती है, और प्रशासन ऐसी गतिविधियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

अहिल्याबाई घाट के पुरोहित विशाल शास्त्री ने बताया कि कुछ घाटों की सफाई हो चुकी है, जबकि अन्य घाटों पर सफाई कार्य जारी है। उन्होंने नगर निगम से निवेदन किया कि घाटों पर गिर रहे पानी को रोका जाए, ताकि डाला छठ का महापर्व निर्विघ्न संपन्न हो सके। साथ ही घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। कई महिलाएं, जो दूर से आती हैं, वे रात को घाट पर रुकती हैं और सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही वापस लौटती हैं।

माझी समाज के शंभू निषाद ने बताया कि नगर निगम के साथ-साथ नाविक समाज भी सफाई में योगदान दे रहा है। कुछ दिन पहले पुलिस प्रशासन के साथ नाविक समाज की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें घाटों की समस्याओं और सुधार के बिंदुओं पर चर्चा की गई थी। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को पूरा करने की अपील की है ताकि पर्यटकों, श्रद्धालुओं, और व्रती महिलाओं को कोई दिक्कत न हो।

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।