वाराणसी: सनातन संस्कृति में गौ माता को मात्र एक पशु नहीं, बल्कि मातृशक्ति और सात्विक ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। हमारे शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि गौ के बिना हिंदू संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज जब पूरा समाज सात्विक ऊर्जा और शुद्ध वातावरण की आवश्यकता महसूस कर रहा है,तब दुर्भाग्यवश गौ माता की उपेक्षा और हत्या निरंतर बढ़ रही है।
इसी पीड़ा को अनुभव करते हुए,देशभर के गौ सेवकों ने पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज से निवेदन किया कि वे आगे आकर गौ माता की रक्षा सुनिश्चित करें।
गौ सेवा और राष्ट्र सेवा की भावना से प्रेरित होकर पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने “गौ माता राष्ट्र माता अभियान” का श्रीगणेश किया।इस अभियान के अंतर्गत देशभर में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गौ की पहचान वैज्ञानिक पद्धति से हो सके।इसके लिए प्रत्येक गौ का डीएनए परीक्षण कर यह स्पष्ट किया जाएगा कि कौन गाय है और कौन गवय (गौ के नाम पर अन्य पशु)।
इसी क्रम में आज शंकराचार्य जी महाराज के आदेशानुसार श्री विद्यामठ,केदारघाट, वाराणसी में गौ माता की डीएनए परीक्षण हेतु एक आधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की गयी। यह प्रयोगशाला “गौ माता राष्ट्र माता अभियान” का एक महत्वपूर्ण स्तंभ सिद्ध होगी और गौ माता की रक्षा तथा संरक्षण के कार्य को वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगी।
इस अवसर पर श्रीविद्यामठ के प्रभारी परमात्मानन्द जी ने कहा कि हम सभी सनातन धर्मावलम्बियों से आह्वान करते हैं कि वे इस पावन कार्य में तन-मन-धन से सहयोग करें और गौ माता के संरक्षण को राष्ट्र रक्षा का प्रमुख कर्तव्य समझें। इस अवसर पर अविनाश, गिरीश और हजारी आदि जन उपस्थित रहे। पूजन आचार्य विनय ने सम्पन्न कराया।

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