लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर औद्योगिक विकास विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने ₹5 लाख करोड़ से अधिक के निजी निवेश परियोजनाओं से जुड़ी पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC-5) के आयोजन की तैयारी के निर्देश दिए।

सीएम ने कहा कि “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” के मंत्र के साथ पिछले साढ़े 8 वर्षों में प्रदेश में अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित हो चुकी हैं, जिनके माध्यम से ₹15 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाएं धरातल पर उतरी हैं और 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।
भूमि अधिग्रहण और किसानों का हित
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया संवाद और समन्वय के साथ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का अपनी भूमि से भावनात्मक संबंध होता है, यह उसकी जीवन भर की पूंजी है। यदि प्रदेश हित में भूमि अधिग्रहण जरूरी है तो किसानों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
उन्होंने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को अपने क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुसार मुआवजे की दर में बढ़ोतरी पर विचार करने के निर्देश दिए ताकि किसानों का हित सुरक्षित रहे।
निवेश की मॉनिटरिंग और भूमि उपयोग
सीएम योगी ने कहा कि प्रत्येक निवेश प्रस्ताव की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और सभी विभाग समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भूमि आवंटन के बाद यदि कोई औद्योगिक इकाई तीन वर्षों के भीतर भूमि का समुचित उपयोग नहीं करती है तो उसका आवंटन रद्द कर भूमि अन्य निवेशक को दी जाएगी।
फिनटेक हब और निर्यात बढ़ाने की योजना
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा या यमुना अथॉरिटी में से किसी एक क्षेत्र में फिनटेक हब विकसित किया जाए, जहां बड़े बैंकिंग संस्थाओं के कार्यालय स्थापित हों। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात को बेहतर करने के लिए नियोजित प्रयास करने पर बल दिया।
निवेशकों के लिए आसान व्यवस्था
उन्होंने कहा कि निवेश मित्र और निवेश सारथी पोर्टलों को और अधिक सहज व सरल बनाया जाए ताकि निवेशक छोटा हो या बड़ा, किसी को भी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
जीएसटी सुधार और रोजगार जोन
सीएम योगी ने कहा कि आगामी 22 सितंबर से प्रभावी होने जा रहे जीएसटी सुधारों का लाभ हर आम नागरिक तक पहुंचेगा और आम आदमी को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चरणबद्ध रूप से सभी जनपदों में कम से कम 100 एकड़ में रोजगार जोन विकसित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए। यह क्षेत्र उद्योग, निवेश, उद्यमिता, नवाचार, कौशल विकास और रोजगार का हब बनेगा और पूरे देश में एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा।









