
बीएचयू: बीएचयू परिसर स्थित केन्द्रीय विद्यालय में शनिवार को ‘सत्या फाउंडेशन’ के चेतन उपाध्याय और नगर के प्रसिद्ध हृदय-रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार पाण्डेय ने प्रातः कालीन प्रार्थना-सभा के दौरान ध्वनि-प्रदूषण के दुष्प्रभावों से दो हजार से अधिक विद्यार्थियों और शिक्षकों के समूह को जागरूक किया।

चेतन उपाध्याय ने बताया कि दीपावली दीपों का त्योहार है. जिसमें ज़हरीले प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरकारी प्रावधानों की चर्चा की तथा बताया कि शिक्षा संस्थानों, अस्पतालों, उपासना स्थलों, न्यायालय के आस-पास किसी भी प्रकार की ध्वनि, यहां तक कि स्कूटर का हॉर्न भी नहीं बजाया जा सकता। रात दस बजे से सुबह छह बजे के बीच विवाह तथा पूजा-जुलूस निकालते समय भी गीत-संगीत का प्रयोग किया जाना दंडनीय अपराध है.

चेतन उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि दिन के दौरान साउंड कम और रात 10 से सुबह 6 के बीच पूरी तरह से स्विच ऑफ (बंद), फिर चाहे वो मस्जिद या मंदिर ही क्यों न हो. इसके अलावा तीसरी बात कि दिन हो या रात, साइलेंस जोन में पूर्ण शांति का नियम है. इस तरह के सभी मामलों में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के अंतर्गत ₹1,00,000 तक जुर्माना या 5 साल तक की जेल या एक साथ दोनों सजा हो सकती है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप पर कंट्रोल हुआ था 2024 के सावन में कांवरियों का डीजे
‘सत्या फाउंडेशन’ के चेतन उपाध्याय ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के एक्शन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए क्योंकि वह रात 10 बजने के पहले ही अपने माइक और लाउडस्पीकर को पूरी तरह से बंद कर देते हैं.
मोदी जी की तारीफ़ करते हुए, इसी क्रम में चेतन उपाध्याय यह भी बता गए कि जब 2024 में सावन के महीने में योगी जी के तमाम आदेश के बाद भी कांवड़ यात्रा के डी.जे. के कारण, सड़क किनारे रहने वाले लोगों के दरवाजे-खिड़की हिलने लगे और अस्पताल के मरीज और आम नागरिक रात-रात भर नहीं सो पा रहे थे तो ‘सत्या फाउंडेशन’ ने इसकी लिखित शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली को देते हुए नरेन्द्र मोदी जी से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई.

इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने तत्काल ही आवश्यक कार्यवाही की और फिर साउंड पर प्रभावी कंट्रोल हो जाने के बाद ‘सत्या फाउंडेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय को कॉल करके प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से फीडबैक भी लिया गया. इस सब का यह परिणाम यह हुआ कि सावन के अंतिम दो सप्ताह में डीजे का उपयोग, लगभग नहीं के बराबर रहा. ऐसे हैं हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी, 2000 बच्चों के बीच ऐसा कहते हुए, चेतन उपाध्याय एकदम भावुक हो गए.
गैलेक्सी हॉस्पिटल, वाराणसी के निदेशक और हेरिटेज इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, वाराणसी में सलाहकार चिकित्सक, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य और हृदय पर ध्वनि प्रदूषण के प्रभावों का उल्लेख करते हुए प्रत्येक प्रकार के ध्वनि प्रदूषण को रोकने तथा उससे बचने का आग्रह किया। चेतन उपाध्याय ने छात्रों से ध्वनि -प्रदूषण रोकने और चीनी दीयों की बजाय देसी मिट्टी के दीयों का प्रयोग करने संबंधी प्रतिज्ञा करवाई।

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