Varanasi: साइबर ठगों को सिम और बैंक खाता बेचने वाले 4 शातिर अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े

Varanasi: डिजिटल हाउस अरेस्टिंग और इन्वेस्टमेंट के जरिए ठगी करने वाले इंटरस्टेट गैंग का वाराणसी के साइबर क्राइम थाना व बड़ागांव थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से कई मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड, पासबुक और नकद राशि बरामद की गई है। इसका खुलासा डीसीपी गोमती जोन प्रमोद कुमार ने किया। 

डीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि इस गैंग का नेतृत्व एक अंतर्राष्ट्रीय सरगना कर रहा था, जो अवैध रूप से बैंक खाते, सिम कार्ड, और एटीएम कार्ड उपलब्ध कराता था। सरगना पाटलिया दिशांत किरीटभाई जामनगर गुजरात का रहने वाला है।

बताया कि इस मामले में बड़ागांव थाना अंतर्गत हरहुआ के रहने वाले विशाल सिंह ने साइबर क्राइम थाने पर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें बिजनेस इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने विभिन्न बैंकों में उनके नाम से खाते खुलवा लिए। इन खातों में बड़े पैमाने पर लेन-देन हो रहे हैं, जिन्हें पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। इस मामले में साइबर क्राइम थाने पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

जिसकी निगरानी पुलिस निरीक्षक विजय नारायण मिश्र द्वारा की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने टीम गठित कर विशाल का खाता खुलवाने वाले व्यक्ति को जरिये इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट्स से पकड़ लिया। उसके बाद उससे पूछताछ के बाद अन्य अपराधियों को भी पकड़ लिया गया। 

varanasi crime

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में मुख्य अभियुक्त और इंटरनेशनल सरगना पाटलिया दिशांत किरीटभाई (32) निवासी श्रीनाथ जी मंदिर स्ट्रीट महालक्ष्मी चौक, थाना सिटी ए डिवीजन जामनगर गुजरात ने बताया कि वह दुबई में बैठे राकेश के लिए काम करता है और उससे कई बार दुबई जाकर मिल भी चुका है। साइबर क्राइम के लिए वह राकेश को बैंक खता उपलब्ध करवाता है।

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जिसमें उसका साथ दीपक दिनेश भाई जोगिया निवासी लुहारसर भाटफली थाना सिटी ए डिवीजन जामनगर गुजरात देता है। वह वाराणसी के मंगारी फूलपुर निवासी सत्यम मिश्रा और औराई, भदोही निवासी नितिन पांडेय से काम करवाता था और खता उपलब्ध करवाता था। दिनेश भी दुबई जाकर राकेश से मिल चुका है।

DCP ने बताया कि इस गैंग के सदस्य दुबई में बैठे डिजिटल हाउस अरेस्टिंग और इन्वेस्टमेंट स्कैम के सरगनाओं से जुड़े हुए थे। ये लोग उच्च-सीमा वाले बैंक खाते, अंतरराष्ट्रीय सक्रिय एटीएम कार्ड और खातों से जुड़े सिमकार्ड उपलब्ध कराने का काम करते थे। इसके लिए इन्हें खातों में आने वाले पैसों का 30% कमीशन मिलता था।

भारत में ये गैंग विभिन्न राज्यों में अपनी टीम बनाकर स्थानीय लोगों को बिजनेस इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर अवैध तरीके से बैंक खाते खुलवाता था। ये खाते इंटरनेट बैंकिंग और अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड के माध्यम से दुबई भेज दिए जाते थे, जहां से आम नागरिकों के साथ डिजिटल ठगी की जाती थी।

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गिरफ्तार आरोपियों में पाटेलिया दिशांत किरीटभाई इस गैंग का सरगना है, जो कि गुजरात के जामनगर का निवासी है। वहीं इसका दूसरा साथी दीपक दिनेश भाई जोगिया भी जामनगर का रहने वाला है। इसके अलावा सत्यम मिश्रा वाराणसी और नितिन पांडेय भदोही के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके पास से 6 एण्ड्रायड मोबाइल, 1 आईओएस मोबाइल, 1 की-पैड मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 20 एटीएम कार्ड, 10 सिम कार्ड, 6 सिम कार्ड रैपर, 14 बैंक पासबुक व 6070 रुपए नकदी बरामद किया है। 
 

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