वाराणसी: मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने नवनिर्मित मेजर ब्रिज का किया निरिक्षण, स्पीड ट्रॉयल को भी परखा

वाराणसी: रेल प्रशासन द्वारा यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता एवं तीव्र गति प्रदान करने हेतु मूलभूत ढाँचे में विस्तार के क्रम में वाराणसी-माधोसिंह-प्रयागराज रेलवे दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत वाराणसी मंडल के प्रयागराज रामबाग-झूंसी (5.40 किमी) रेल खण्ड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकृत लाइन पूर्ण होने के उपरान्त मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त नई दिल्ली जनक कुमार गर्ग ने इस रेल खण्ड एवं इस पर नवनिर्मित मेजर ब्रिज सं-111 का संरक्षा निरीक्षण किया।

इस अवसर पर उनके साथ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण अभय कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबन्धक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक/आरवीएनएल विकास चंद्रा, मुख्य परियोजना प्रबंधक/आरवीएनएल वी. के. अग्रवाल सहित मुख्यालय गोरखपुर, वाराणसी मंडल तथा रेल विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी एवं वरिष्ठ इंजीनियर उपस्थित थे।

मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने अपने निरीक्षण का आरंभ प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन से किया। जहाँ उन्होंने यार्ड रिमाडलिंग ,स्टेशन विस्तार, विद्युतीकृत एवं दोहरीकृत सेक्शन के मानक के अनुरूप स्टेशन की पूर्ण ब्लॉक वर्किंग,कलर लाइट सिगनलों के स्टैण्डर्ड-।। R, Dual VDU system with route-setting operations, स्टेशन पैनल एवं रूट रिले इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग के साथ यार्ड रिमाडलिंग से जुड़े विभिन्न कार्यों के विषय में सम्बंधित अधिकारियों से कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की।

तदुपरांत मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त मोटर ट्राली से प्रयागराज रामबाग-झूंसी ब्लॉक सेक्शन का निरीक्षण करने हेतु लाइन सं-13 से रवाना हुए और किमी सं-325/9-10 पर स्थित रेलवे अंडर ब्रिज सं-122 पर ओपन वेब टाइप थ्रू गर्डर का गहन निरीक्षण,लोड परिक्षण एवं फार्मेशन परीक्षण किया। इसके बाद वे मोटर ट्राली से ब्लॉक सेक्शन का निरीक्षण करने रवाना हुए और गंगा नदी पर नवनिर्मित मेजर ब्रिज के आरंभ में किमी सं-323/3 से 324 तक दारागंज साइड वाईडक्ट(1×37.2+ 19×30.5+2×24.4 मीटर )872 मीटर पुल का संरक्षा निरीक्षण किया।

स्लीपर स्पेसिंग/फिटिंग्स की जाँच की और ट्रैक्शन फिटिंग्स की ऊँचाई का मापन करते हुए किमी सं-321/4 से 323/4 तक निर्मित मेजर ब्रिज सं-111 पर पहुँचे और गंगा नदी पर 1,934.40 मीटर लम्बे बड़ी लाइन के दोहरी लाइन का नए पुल के 76.20 मीटर के 24 स्पैन, रेल पुल की मजबूती और लचीलेपन के लिए वॉरेन ट्रस डिज़ाइन में ओपन वेब स्टील गर्डर का गहन निरीक्षण किया।

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इस पुल के माध्यम से इस रेल खंड पर डबल-हेडेड लोकोमोटिव चलाने की सुविधा का भी संज्ञान लिया। इस महत्वपूर्ण पुल के निरीक्षण के पश्चात उन्होंने पुल से जुड़े झूंसी साइड किमी सं-321/2-5 पर वाईडक्ट (6×24.4मीटर )पुल का भी संरक्षा निरीक्षण किया।

इसके पश्चात मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त झूंसी पहुँचे और दोहरीकरण के मानकों के अनुरूप विस्तार एवं यात्रियों की सुरक्षा का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्टेशन वर्किंग मैनुअल के संशोधनों, पॉइंट क्रासिंग, स्विच एक्सटेंसन जॉइंट, सिगनल ओवर लैप, ब्लॉक ओवर लैप, अप लाइन के फार्मेशन, प्लेटफार्म क्लियरेंस, फुट ओवर ब्रिज के विस्तार समेत यात्रियों की संरक्षा से सबन्धित विभिन्न पहलुओं की जाँच की।

प्रयागराज रामबाग-झूंसी रेल सेक्शन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने अप एवं डाउन लाइन के फार्मेशन, रेल पथ जड़ाई, बैलास्ट फैलाई, ब्रिज की फाउंडेशन, ट्रैक फिटिंग्स, ओवर हेड ट्रैक्शन पोल फिटिंग्स तथा ब्रिज का लोड परीक्षण भी किया ।

रेल संरक्षा आयुक्त ने सी आर एस स्पेशल से झूंसी से प्रयागराज रामबाग 5.40 किमी रेल खण्ड का 70 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया।

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