
Varanasi: केवल काशी की बात करें तो देव दीपावली पर वाराणसी के 84 घाटों पर 15 लाख से ज्यादा दीये जलेंगे। वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार अयोध्या भी इस बार जगमग होगी। माना जा रहा है कि पूरे यूपी में इस बार दीये जलाने का विश्व रिकॉर्ड बन सकता है.
दीपावली के अवसर पर काशी का माहौल उल्लास और उत्साह से भरा रहता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी काशी में लाखों दीये जलाए जाएंगे, जिससे पूरी नगरी एक अद्भुत रोशनी से नहा उठेगी। घाटों से लेकर मंदिरों तक हर जगह दीयों की जगमगाहट इस पवित्र नगरी की शोभा को और बढ़ाएगी। इस दीपावली पर काशी के कुम्हार बड़ी संख्या में दीये, खिलौने और मूर्तियां बनाने में जुटे हैं।
वाराणसी के कुम्हार समुदाय के लोग इस बार भी दीपावली की तैयारी में रात-दिन एक कर रहे हैं। कुम्हार अपने पारंपरिक पहिए पर मिट्टी को आकार देकर सुंदर दीये बना रहे हैं, जो कि आने वाले दिनों में शहर के हर कोने को रोशन करेंगे। मिट्टी के दीयों का महत्व दीपावली के त्योहार में खास होता है, और लोग इन्हें खरीदकर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
इसके अलावा, मिट्टी के खिलौने और देवी-देवताओं की मूर्तियों का भी निर्माण किया जा रहा है। विशेषकर लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां इस पर्व के लिए बेहद लोकप्रिय हैं, जिन्हें लोग पूजा के दौरान अपने घरों में स्थापित करते हैं। मूर्तियों की नक्काशी में स्थानीय महिलाएं भी पूरे उत्साह के साथ योगदान दे रही हैं। वे बड़ी कुशलता से मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। उनकी मेहनत से मूर्तियों में गहराई और आकर्षण नजर आता है, जो लोगों को उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करता है।
वाराणसी के बाजारों में इन दीयों, मूर्तियों और खिलौनों की मांग काफी बढ़ गई है। कुम्हारों को अपनी कला के माध्यम से आजीविका का अच्छा अवसर प्राप्त होता है, और यह त्योहार उनके लिए विशेष खुशी लेकर आता है। इस बार भी काशी में दीपावली पर लाखों दीयों की रोशनी में श्रद्धालुओं के दिलों में खुशियां भरने की पूरी तैयारी हो चुकी है।

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।