झांसी अग्निकांड पर सख्त हुए डिप्टी सीएम, त्रिस्तरीय जांच के दिए आदेश, DNA टेस्ट के बाद सौंपे जाएंगे शिशुओं के शव

झांसी: झांसी मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में शुक्रवार रात को शॉर्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसट्रेटर में लगी आग में झुलसकर 10 नवजात की मौत हो गई। इस मामले में स्थिति का जायजा लेने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शनिवार सुबह पांच बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने त्रिस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

डिप्टी सीएम ने कहा तीनों जांच का मुख्य बिंदु आग लगने की वजह और जिम्मेदार को चिह्नित करके सख्त कार्रवाई करना है। साथ ही कहा कि डीएनए टेस्ट कराने के बाद मृत शिशुओं के शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने सबसे पहले ऑपरेशन थियेटर में आग से झुलसकर मरे 10 नवजात के शवों को देखा। उन्होंने नवजातों को बचाने का प्रयास करने वाले कर्मियों से पूछताछ की। इसके बाद एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) में आग लगने के बाद यहां से वार्ड नंबर-5 के नीकू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में शिफ्ट किए गए 16 बच्चों का हाल देखा। 

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। मामले की एक जांच शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग की टीम करेगी। दूसरी जांच पुलिस और फायर बिग्रेड करेंगी और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच होगी। तीनों जांच का मुख्य बिंदु एसएनसीयू में आग लगने की वजह का पता लगाना है। लापरवाही सामने आएगी तो जिम्मेदारी तय करके सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। खामी का निदान कराया जाएगा।

फरवरी में मेडिकल कॉलेज की फायर सेफ्टी ऑडिट हुई थी और जून में सरकार के आदेश पर मॉक ड्रिल किया गया। इसके बावजूद आग लगने की घटना होना बेहद दुखद है। इससे लापरवाही का पता लगता है। बचाए नवजातों और उनकी माताओं को गुणवत्तापूर्ण उपचार दिया जा रहा है। मृत 10 नवजात में से सात की शिनाख्त हो गई है। अन्य की शिनाख्त के प्रयास जारी है।

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