गाजीपुर। जिले के किसानों को अब पराली जलाने पर भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने किसानों से अपील की है कि वे धान की कटाई के बाद खेतों में पराली न जलाएं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वातावरण में हानिकारक गैसें फैलती हैं, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
सीडीओ ने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद लाभकारी जीव-जंतु नष्ट हो जाते हैं और मृदा की उपजाऊ शक्ति घट जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी ग्राम प्रधानों और लेखपालों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के आदेश के अनुसार पराली जलाना दंडनीय अपराध है। पर्यावरण विभाग ने इसके लिए क्षतिपूर्ति वसूली के प्रावधान तय किए हैं —
- 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए ₹5,000
- 2 से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए ₹10,000
- 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹30,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
सीडीओ ने यह भी कहा कि अगर कोई किसान बार-बार पराली जलाते पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कारावास और अर्थदंड, दोनों की कार्यवाही की जाएगी।
किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि धान की कटाई के समय कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करें, ताकि खेत में पराली न बचे। साथ ही फसल अवशेष को पशुचारे, कम्पोस्ट खाद या बायो-कोल जैसे वैकल्पिक उपयोगों में लाया जा सकता है।
ब्यूरोचीफ– संजय यादव







