
चिंतपूर्णी माता की आरती का महत्व उन भक्तों के लिए विशेष होता है जो माता चिंतपूर्णी देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। चिंतपूर्णी माता को ‘सर्व दुख हारिणी’ और ‘मनोकामना पूर्ण करने वाली’ देवी माना जाता है, जिनकी पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। माता का मुख्य मंदिर हिमाचल प्रदेश के उना जिले में स्थित है और यह शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ माता की आरती करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और संकटों से मुक्ति का अनुभव होता है।
चिंतपूर्णी माता की आरती का आयोजन प्रतिदिन सुबह और शाम मंदिर में होता है, जिसमें श्रद्धालु भक्ति भाव से माता का गुणगान करते हैं। इस आरती के माध्यम से भक्त अपने दुख, चिंताओं और समस्याओं को माता के चरणों में अर्पित कर उनसे सुरक्षा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। आरती में शामिल भजन और मंत्रों की ध्वनि से वातावरण पवित्र और आनंदमय हो उठता है। माता चिंतपूर्णी की आरती न केवल भक्तों के मनोबल को बढ़ाती है बल्कि उनके जीवन में सकारात्मकता और श्रद्धा का संचार भी करती है।
आरती
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी;
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ;
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ।।
।। भोली माँ ।।
सिन्हा पर भाई असवार;
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ।।
।। भोली माँ ।।
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा;
तीजे त्रिशूल सम्भालो; ।।
।। भोली माँ ।।
चौथे हाथ चक्कर गदा;
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला;
।।भोली माँ ।।
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे;
आठवे से असुर संहारो;
।। भोली माँ ।।
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर;
बैठी दीवान लगाये;
।। भोली माँ ।।
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे;
लाल चंदोया बैठी तान;
।। भोली माँ ।।
औखी घाटी विकटा पैंडा;
तले बहे दरिया;
।।भोली माँ ।।
सुमन चरण ध्यानु जस गावे;
भक्तां दी पज निभाओ
।।भोली माँ ।।
|| चिंतपूर्णी माता की जय ||

Neha Patel is a content and news writer who has been working since 2023. She specializes in writing on religious news and other Indian topics. She also writes excellent articles on society, culture, and current affairs.