वाराणसी: वन्य जीवों की अवैध तस्करी के विरुद्ध वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने बहेलिया टोला क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए 90 जीवित पक्षियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। वहीं तस्करों को भी गिरफ्तार किया। यह क्षेत्र लंबे समय से अवैध पक्षी व्यापार का केंद्र माना जाता रहा है। यहां से बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल तक तस्करी के तार जुड़े पाए गए हैं।
गंगा नदी के किनारे बसे और चंदौली व मिर्जापुर जैसे वन क्षेत्रों की नजदीकी के कारण वाराणसी जनपद वन्य जीव तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। बहेलिया टोला, वाराणसी सिटी स्टेशन के पास स्थित है, जहां पहले भी तस्करी रोकने के कई प्रयास हुए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
वाराणसी की डीएफओ स्वाति और अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्रुति श्रीवास्तव के नेतृत्व में वन विभाग और पुलिस की टीम ने बहेलिया टोला में छापेमारी की। इस दौरान कई स्थानों पर अवैध रूप से बिक्री के लिए रखे गए पक्षियों को बरामद किया गया। तस्करी में शामिल अभियुक्तों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
इस संयुक्त कार्रवाई के दौरान भारतीय तोता (Rose Ringed Parakeet) 13, लालमुनिया (Red Avadavat) 40, चकेरी (Buntings) 17, बजरी (Budgerigar) 18, जावा स्पैरो (Lonchura oryzivora) 02 बरामद किए गए। इसके अतिरिक्त सात पिंजरों में बंद पक्षी भी बरामद किए गए। वन विभाग ने इस मामले में वन अपराध संख्या 09/2025-26 केस दर्ज किया है।
छापेमारी के दौरान स्थानीय लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई और हल्का हंगामा भी हुआ, जिससे कुछ देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हालांकि टीम की सूझबूझ और संयम से स्थिति नियंत्रण में रही और कार्रवाई शांतिपूर्वक पूरी की गई।
यह छापेमारी वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह के अनुरोध पर संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री एस. चन्नप्पा के निर्देश पर की गई। बरामद पक्षियों को तत्काल सारनाथ चिड़ियाघर ले जाकर पशु चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत सभी पक्षियों को 1 मई की शाम चिड़ियाघर परिसर में खुले आकाश में मुक्त कर दिया।

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।