
Varanasi: मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन धनतेरस पर 354 दिन बाद पुनः शुरू हुए। इस विशेष अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसमें श्रद्धालु मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही कतारबद्ध हो गए थे। मंदिर प्रशासन ने बताया कि पहले दिन करीब 2.65 लाख श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए।
सुबह तीन बजे मंदिर के कपाट खोले गए और महंत शंकर पुरी महाराज ने मां का विशेष स्वर्ण शृंगार किया, जिसमें 200 साल पुराने आभूषणों और नवरत्नों के हार का उपयोग किया गया। दूसरे दिन बुधवार को भी भक्तों का तांता लगा रहा। पांच दिनों तक भक्तों को स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन होंगे।
सुबह पांच बजे से भक्तों को दर्शन की अनुमति दी गई। माता के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार गोदौलिया से ज्ञानवापी और चितरंजन पार्क तक फैली रही। पहले दिन ही भक्तों के बीच चांदी, पीतल, तांबे के सिक्कों और नवरत्नों का खजाना प्रसाद के रूप में वितरित किया गया, जिससे भक्तों को मां का आशीर्वाद मिला।
महंत शंकर पुरी ने बताया कि जो भी भक्त देवी के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन के बाद इस प्रसाद को अपने तिजोरी में रखता है, उस पर मां अन्नपूर्णा की कृपा पूरे वर्ष बनी रहती है और उनके घर में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती।
धनतेरस से शुरू हुआ यह पांच दिवसीय उत्सव 2 नवंबर की रात तक चलेगा, जिसमें भक्तों को माता के दर्शन और आशीर्वाद पाने का सौभाग्य प्राप्त होता रहेगा। मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस और मंदिर प्रशासन अलर्ट है। मंदिर के अंदर और बाहर निगरानी की जा रही है। पुलिस अधिकारी लगातार चक्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

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