पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक मामला: सेना ने 155 बंधकों को कराया रिहा, 27 से ज्यादा लड़ाके मारे गए

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक होने के बाद से बवाल मच गया है। इस हादसे में पाकिस्तानी सेना ने लगभग 155 बंधकों को छुड़ा लिया है और 27 से ज्यादा लड़ाके मार गिराए हैं। अब दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक के बाद रिहा हुए बंधकों ने अपनी आंखों देखी कहानी सुनाई है।

बंधकों ने मंगलवार को बताया कि वे अपने बिछड़े हुए रिश्तेदारों को छोड़कर दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर भागने के लिए घंटों पैदल चले थे।

ब्लास्ट, फायरिंग, ट्रेन पर हमला

ट्रेन में सफर कर रहे मुहम्मद बिलाल ने बताया मैं यह बताने के लिए शब्द नहीं बयां कर पा रहा हूं कि हम कैसे बच निकले। यह भयानक था। बिलाल अपनी मां के साथ जाफर एक्सप्रेस में सवार थे, जब ट्रेन में विस्फोटकों से हमला हुआ।

घबराकर सीट के नीचे बैठे यात्री

माच रेलवे स्टेशन पर एक यात्री अल्लाहदित्ता ने बताया, ‘जब आतंकवादी ट्रेन पर धावा बोल रहे थे, तो मैंने विस्फोट और उसके बाद गोलियों की आवाज सुनी। माच रेलवे स्टेशन को घायलों के इलाज के लिए अस्थायी अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है।

लोग घबराकर सीटों के नीचे छिपने लगे। आंतकवादियों ने पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को जाने दिया क्योंकि मैंने उन्हें बताया कि मैं दिल का मरीज हूं। एक अन्य यात्री मुहम्मद अशरफ ने बताया आतंकवादियों ने बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को जाने दिया और फिर शाम को निकटतम पनीर स्टेशन तक उनकी लंबी पैदल यात्रा शुरू हुई।

‘हम पास स्टेशन तक पहुंचने के लिए पहाड़ों के बीच से काफी दूर तक चले। मैंने आज सुबह से व्रत शुरू करने के बाद से कुछ नहीं खाया है।
दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक के बाद रिहा हुए बंधकों ने बताया कि वे अपने बिछड़े हुए रिश्तेदारों को छोड़कर दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर भागने के लिए घंटों पैदल चले थे।

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दो सैनिकों को गोली से उड़ा दिया’

एक यात्री ने बताया कि किस प्रकार बंदूकधारियों ने प्रांत के बाहर से आए लोगों की पहचान के लिए उनके पहचान पत्रों की जांच की । वो बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा हाल में किए गए हमलों से मिलता-जुलता था, जिसने घेराबंदी की जिम्मेदारी ली है।

यात्री ने आगे कहा- वे आए आईडी और सर्विस कार्ड की जांच की और मेरे सामने दो सैनिकों को गोली मार दी और अन्य चार को ले गए, मुझे नहीं पता कि कहां ले गए।

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