ट्यूशन को नहीं मिला फीस तो मोबाइल से की पढ़ाई, टूटे पैर से लगाई दौड़, अब पुरे प्रदेश में आई तीसरी रैंक

वाराणसी: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में वाराणसी के मनीष ने 60 हजार से अधिक अभ्यर्थियों में तीसरा स्थान हासिल किया है। खास बात तो ये है की पिता होमगार्ड है और पैसा ज्यादा न रहने के कारण मोबाइल से पढ़कर परीक्षा दी और फिजिकल के समय पैर टूट गया पर हार नहीं मानी और फिर भी दौड़ पार की और अंत में हिम्मत और हौसले की जीत हुई…..

काशी के युवा और होमगार्ड के बेटे मनीष तिवारी को सिपाही परीक्षा में यूपी में तीसरी रैंक मिली है। यूपी कॉलेज से पढ़ाई कर चुके मनीष बेहद सामान्य परिवार से आते हैं और बिना कोचिंग किए यूट्यूब से लगातार दो साल तैयारी की और पुलिस परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया।

उजाला संचार को दिए इंटरव्यू में मनीष बताते है की पैर टूट जाने के कारण हमेशा दर्द बना रहता था लेकिन उसको सहन करते हुए दाैड़ लगाते थे। कहा कि जिस घर में मोबाइल रिचार्ज का पैसा न हो, वहां पर कोचिंग का खर्च संभालना बहुत कठिन था। 45 दिन बाद 5 किलोमीटर की दौड़ लगानी थी, लेकिन 25 दिन तक प्लास्टर ही लगा रहा। जब प्लास्टर कटा तो फिर चलना-फिरना शुरू किया। दर्द के बीच 15 फरवरी को दौड़ में शामिल हुआ। दौड़ते हुए गिरे और चोट भी लगी, लेकिन उठकर फिर से दौड़ लगाई। 1.5 मिनट पहले 23.5 मिनट में 5 किमी की दौड़ क्वालिफाई कर गया। ये दर्द आज भी था, लेकिन रिजल्ट में टॉप करने के बाद सब बेअसर हो गया है।

मनीष का कहना है की यूट्यूब से पढ़ाई के लिए घर से रिचार्ज तक का पैसा भी बहुत मुश्किल से मिलता था। आसपास के लोग और पिता कहा करते थे कि दिन भर मोबइलवा में घुसल रहेला, का पढ़ाई होत होई। यानी कि उन लोगों को लगता है कि ये पढ़ नहीं रहा बल्कि टाइम पास कर रहा। कहते थे कि बहुत लोगों ने फॉर्म भरा है, इसमें होगा नहीं। लेकिन वहीं पिता आज पीठ थपथपाते और दूसरों को मिठाई खिलाते नहीं थक रहे। मां दादी सब कहती है की सपना पूरा हुआ है मनीष की दादी कहती है दादा का आशीर्वाद साथ रहा कहते हुए रोने लगती है।

See also  पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला महाविद्यालय का 19वां वार्षिक क्रीड़ा समारोह धूमधाम से संपन्न

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *