वाराणसी में हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों को लेना होगा लाइसेंस, नगर निगम वसूलेगा टैक्स 

वाराणसी: नगर निगम ने एक नई उपविधि लागू करते हुए हॉस्टल और निजी कोचिंग संस्थानों को भी कर के दायरे में लाने का फैसला किया है। इस नियम के तहत 1 अप्रैल से सभी हॉस्टल और कोचिंग संचालकों को नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। छात्र संख्या के आधार पर कर का निर्धारण किया गया है। हाल ही में नगर निगम सदन में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है।

शहर में 5000 से अधिक हॉस्टल और कोचिंग सेंटर
वाराणसी में 5000 से अधिक हॉस्टल और कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश घरों में संचालित किए जा रहे हैं, जहां मकान मालिक या तो अपनी ऊपरी या निचली मंजिल पर हॉस्टल व कोचिंग चला रहे हैं। अब तक ये संचालक नगर निगम को कोई कर नहीं दे रहे थे, लेकिन अब उन्हें लाइसेंस शुल्क अदा करना होगा।


लाइसेंस शुल्क का निर्धारण

छात्र संख्या के आधार पर कर की दरें इस प्रकार निर्धारित की गई हैं:
•    50 छात्रों तक – 6,000 रुपये प्रति वर्ष
•    50 से 100 छात्रों तक – 10,000 रुपये प्रति वर्ष
•    100 से अधिक छात्रों पर – 15,000 रुपये प्रति वर्ष

संचालकों को 1 अप्रैल से 31 मई तक का समय दिया गया है, इस अवधि में उन्हें नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।

लाइसेंस न लेने पर होगी सख्त कार्रवाई
अगर कोई संचालक निर्धारित समय सीमा में लाइसेंस शुल्क जमा नहीं करता, तो उसे 50 प्रतिशत अतिरिक्त विलंब शुल्क देना होगा। इसके अलावा, बिना लाइसेंस हॉस्टल या कोचिंग चलाने पर 500 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। यदि 1 जून के बाद भी कोई संचालक लाइसेंस नहीं लेता है, तो प्रति दिन 20 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला जाएगा। 

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नगर निगम का यह निर्णय शहर में हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों को सुव्यवस्थित करने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया कदम है। इससे न केवल नगर निगम को राजस्व मिलेगा, बल्कि इन संस्थानों की गुणवत्ता और संचालन पर भी बेहतर नियंत्रण संभव होगा।

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