गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में मर्ज करने (संविलयन) के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में स्थानीय ब्लॉक संसाधन केंद्र सभागार में शिक्षक संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षकों ने एकजुट होकर सरकार की इस नीति का विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी दी।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे ब्लॉक अध्यक्ष आनंद प्रकाश यादव ने कहा कि “सरकार जबसे सत्ता में आई है, शिक्षकों के साथ किसी न किसी रूप में सौतेला व्यवहार कर रही है। अब यह नया आदेश, जिसमें 50 से कम नामांकित छात्रों वाले विद्यालयों को बंद कर उन्हें अन्य विद्यालयों में मर्ज करने की बात कही गई है—शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ पूर्णतः अन्याय है।”
उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर पहले से ही ऐसे विद्यालयों की सूची बनाकर तैयार कर ली गई है और खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शिक्षकों पर स्कूल प्रबंध समिति से इस प्रस्ताव को पारित कराने का अनुचित दबाव डाला जा रहा है।
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित, दिया आंदोलन का अल्टीमेटम
बैठक में सभी शिक्षक संगठनों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जिस विद्यालय के बंद किए जाने पर स्थानीय स्तर पर आपत्ति दर्ज की जाती है,
उसे किसी भी स्थिति में मर्ज न किया जाए। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो शिक्षक संगठन व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे।
बैठक के समापन पर शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया और अपनी मांगों का ज्ञापन खंड शिक्षा अधिकारी दीनानाथ साहनी को सौंपा।
इस मौके पर वेदप्रकाश पाण्डेय, महेन्द्रनाथ यादव, संध्या सिंह, अनुराग, अरविन्द, रामअवध, कविता, पुष्पा, संजय, प्रधान, वकील, कुनेश्वर, भगवान दास, जगदीश, रामनक्षत्र, राजेश, जैनुल, राजीव, जगदीश चतुर्वेदी, शिवशंकर, शिवबचन, अजय, जवाहर, विरेन्द्र, शैलेश, अनिता, सुरेन्द्र, केशव, अनिल कुमार, अरुण, बिन्दु समेत बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

Author: Ujala Sanchar
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