वाराणसी: अवैध शराब की बिक्री का सिंडीकेट तोड़ना प्रशासन के लिए टेड़ी खीर साबित हो रही है। तमाम आभियान के बावजूद ये कालाबाजारी का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। निचले स्तर पर मिल रही सरपरस्ती के चलते सारी कार्रवाई कागजों तक सिमट चुकी है। कैंट स्टेशन क्षेत्र समेत जनपद के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब की बिक्री जोरों से चल रही है।
रात्रि दस बजे के बाद कैंट स्टेशन के सामने स्थित विजया नगरम मार्केट शराब खोर और कालाबाजारी करने वालों से गुलजार रहता है। यहां दस बजे के बाद जनपद के आलावा आसपास के जिलों से भी लोग शराब की चाह में पहुंचते हैं। इसे लेकर क्षेत्रीय नागरिकों में काफ़ी रोष है। विवाद की वजह बने इस अवैध धंधे के चलते छोटी- मोटी झड़पे आए दिन होती रहती है।
ज्यादा मुनाफा की लालच
इस धंधे में लिप्त मिलावटी शराब परोसते हैं, लेकिन सामने वाले को इसकी भनक तक नहीं लगती। दिन में स्टॉक जुटाकर रात दस बजे के बाद इनकी दुकानदारी शुरु हो जाती है। होटल, गेस्ट हाउस और लॉज के कर्मचारी भी यात्रियों से मुनाफा कमाने की लालच में उन्हे देर रात शराब मुहैया कराते हैं। सूत्रों की माने तो इलाकाई पुलिस को इस काले कारोबार में लिप्त लोगों की पूरी खबर है। फिर भी अपनी दस्तूरी को बनाए रखने की खातिर उनका हस्तक्षेप नहीं होता।
क्षेत्रीय नागरिकों में भय
अवैध शराब की बिक्री में लिप्त लोगों ने मार्केट में लगी स्ट्रीट लाइट को खराब कर दिया है, ताकि इस कालाबाजारी में किसी को संदेह भी न हो सके। इसी अंधेरे का फायदा उठाकर यात्रियों से लूट की घटनाओं को भी अंजाम दिया जाता है। वहीं, विजया नगरम मार्केट के लोगों में भय व्याप्त है। दरअसल, स्थानीय लोगों के अनुसार शराब की तलाश में शौकीन देर रात दो बजे उनके घर के दरवाज़े पर दस्तक देते हैं।
अवैध वसूली दर
- पौवा (अंग्रेजी)- 230 से 250 रुपये
- हॉफ ( अंग्रेजी)- 450 से 500 रुपये
- पौवा (देसी)- 100 से 110 रुपये
- बीयर 200 से 250 रुपये

Author: Ujala Sanchar
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