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गाजीपुर: आवास प्लस योजना में लापरवाही भारी पड़ी, सात बीडीओ का रुका वेतन, मचा हड़कंप

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गाजीपुर: केंद्र सरकार की प्रमुख योजना “आवास प्लस-2024” के तहत सेल्फ सर्वे कार्य में लापरवाही बरतना गाजीपुर के सात खंड विकास अधिकारियों (BDO) को भारी पड़ गया। परियोजना निदेशक राजेश यादव ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाते हुए इन अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर दिया। इस कार्रवाई से प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया है।

जिले की प्रगति औसत से भी नीचे

भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी BDO को यह सुनिश्चित करना था कि उनके क्षेत्रों में सर्वेयर द्वारा लाभार्थियों का 100% सत्यापन कराया जाए। लेकिन सादात, जखनियां, मरदह, जमानियां, मनिहारी, सैदपुर और देवकली विकासखंडों की प्रगति औसत जिला प्रगति 28.39% से भी कम पाई गई। और सबसे चिंताजनक तथ्य यह रहा कि चेकर (सत्यापनकर्ता) की प्रगति शून्य रही।

इन अधिकारियों पर गिरी गाज

  1. भीमराव प्रसाद – सादात
  2. संजय कुमार गुप्ता – जखनियां
  3. कौस्तुभ मणि पाठक – मरदह
  4. बृजेश अस्थाना – जमानियां
  5. अरविंद कुमार यादव – मनिहारी
  6. धर्मेंद्र कुमार यादव – सैदपुर
  7. जमालुद्दीन – देवकली

इन सभी अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने न तो सर्वेयर से प्रभावी कार्य करवाया और न ही कार्यों की समीक्षा की, जिससे जिले की प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई।

लखनऊ से जताई गई नाराजगी

स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए ग्राम्य विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने 26 जून को फोन के माध्यम से गहरी नाराजगी जाहिर की। इसके तुरंत बाद परियोजना निदेशक राजेश यादव ने कार्रवाई करते हुए इन अधिकारियों का वेतन रोके जाने का आदेश जारी कर दिया।

वहीं परियोजना निदेशक ने साफ कहा कि यदि जल्द ही सर्वे प्रगति में सुधार नहीं हुआ, तो इनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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