
Varanasi: खगोल विज्ञान सहित अंतरिक्ष आधारित शोध के लिए वाराणसी बीएचयू अब पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए नया केंद्र होगा। पुणे स्थित इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर ऐस्ट्रोनॉमी एंड ऐस्ट्रोफिजिक्स (आईयूका) ने बीएचयू के विज्ञान संस्थान के भौतिकी विभाग में अपना शोध केंद्र खोला है। इस केंद्र को ‘आईकार्ड’ कहा जाता है। भौतिकी विभाग में यह नया ‘आईकार्ड’ खगोल भौतिकी सहित अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों को खोजने के लिए युवा वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन करेगा।
आईकार्ड यानी आईयूका सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अंतर्गत युवा खगोल जिज्ञासुओं और शोधार्थियों के लिए साल में सौ से ज्यादा कार्यक्रम कराए जाएंगे। इनमें विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की देखरेख में प्रशिक्षण, प्रायोगिक सत्र और कार्यशालाएं शामिल होंगी। भौतिकी विभाग के डॉ. प्रिंस राज को इस केंद्र का समन्वयक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ आचार्यों डॉ. अभय कुमार सिंह, डॉ. अमित पाठक और डॉ. कुंवर अलकेंद्र प्रताप सिंह के प्रयासों से अंतत: बीएचयू में यह केंद्र लाने में सफलता मिली।
इसमें विभागाध्यक्ष, विज्ञान संकाय प्रमुख और संस्थान के निदेशक का भी बड़ा योगदान है। डॉ. अमित पाठक ने बताया कि इस केंद्र के साथ अब भौतिकी विभाग में खगोल और अंतरिक्ष पर काम कर रहे शिक्षकों और शोधार्थियों को ज्यादा संसाधन और मार्गदर्शन मुहैया कराया जा सकेगा। इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रमों से आसपास के जिलों के स्कूल-कॉलेजों को भी जोड़ा जाएगा। केंद्र का पहला कार्यक्रम 25 से 27 नवंबर तक आयोजित होगा।
21 साल से जारी थी कोशिश
डॉ. कुंवर अलकेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बीएचयू में ‘आईकार्ड’ के लिए 21 साल से कोशिशें जारी थीं। वरिष्ठ आचार्यों ने 2003 में पहली बार यहां केंद्र खोलने का प्रयास किया था। इसके बाद से इसके लिए लगातार पत्राचार हो रहा था। 21 साल बाद अंतत: आईयूका का केंद्र यहां खुल गया। इससे पहले प्रदेश का एकमात्र केंद्र गोरखपुर विश्वविद्यालय में था। डॉ. अमित पाठक ने बताया कि अगली कड़ी में ‘आईकार्ड’ के तहत छात्रों को पीएचडी कराने की स्वीकृति भी ली जाएगी।
प्रो. जयंत नार्लीकर ने की थी आईयूका की स्थापना
प्रख्यात खगोलशास्त्री और बीएचयू के पूर्व छात्र पद्मविभूषण प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर ने 1988 में पुणे में आईयूका केंद्र की स्थापना की थी। केंद्र को यूजीसी की भी मान्यता प्राप्त है। इसके अंतर्गत खगोल विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम और शोध कराए जाते हैं। देश में आईयूका की तरफ से 12 आईकार्ड केंद्र अब तक खोले गए हैं जिनमें अद्यतन केंद्र बीएचयू में खुला है।

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