
Varanasi: बीएचयू में पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया में करीब 15 दिनों की देरी हो गई है। यह देरी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से पास अभ्यर्थियों का डेटा न भेजने के कारण हुई है। बीते 18 अक्टूबर को नेट-जेआरएफ का परिणाम घोषित हुआ था, जिसके बाद एनटीए को सफल अभ्यर्थियों का डेटा बीएचयू को भेजना था। हालांकि, त्योहारों और छुट्टियों के कारण बीएचयू को अब तक डेटा प्राप्त नहीं हो पाया है, जिससे लगभग 10,000 से अधिक आवेदकों पर असर पड़ा है।
बीएचयू के पास विकल्प है कि वह एनटीए का डेटा प्राप्त किए बिना भी पीएचडी बुलेटिन जारी कर सकता है, लेकिन नेट और जेआरएफ पास अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन में भरे गए अंकों की पुष्टि मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में, बीएचयू एनटीए के डेटा का इंतजार कर रहा है ताकि सभी आवेदकों की सटीक जानकारी की पुष्टि की जा सके।
इस वर्ष बीएचयू में पीएचडी दाखिले की प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं। पिछले वर्षों में रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (रेट) और रेट एग्जम्पटेड के आधार पर एडमिशन होता था। जेआरएफ और नेट पास उम्मीदवारों को रेट एग्जम्पटेड कैटेगरी में रखा जाता था और रेट परीक्षा बीएचयू द्वारा आयोजित की जाती थी। लेकिन इस बार बीएचयू ने रेट परीक्षा को समाप्त कर दिया है और केवल यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा पास अभ्यर्थियों को ही दाखिले के लिए पात्र माना जाएगा।
इस बार एनटीए ने नेट का परिणाम तीन कैटेगरी – जेआरएफ, नेट और पीएचडी के योग्य – में जारी किया है। बीएचयू में अब दो आधार पर एडमिशन होंगे: पहला आधार जेआरएफ पास अभ्यर्थियों का होगा, जिनका चयन केवल इंटरव्यू के अंकों पर आधारित होगा। दूसरा आधार नेट या पीएचडी के लिए क्वालिफाई करने वालों का होगा, जिनका एडमिशन नेट और इंटरव्यू के अंकों को मिलाकर किया जाएगा। बीएचयू में इस नई व्यवस्था के चलते आवेदकों को डेटा के आने का इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे दाखिले की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।