
वाराणसी: रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों को नित नये-नये तरीकों से प्रशिक्षित कर अपने उपभोक्ताओं विशेषकर रेल यात्रियों को बेहतर से बेहतर सेवा उपलब्ध करा रहा है। इसके साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु निरन्तर प्रयासरत है।
इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों को यात्री सेवा कार्यों में निपुण बनाने के साथ ही कार्य क्षमताओं को विकसित करने हेतु ‘कर्मयोगी मॉड्यूल’ में प्रशिक्षित किया है। इसमें बच्चों और किशोरों में परेशानी के संकेतों की जांच करने और फिर सावधानी, सतर्कता और संवेदना के साथ कार्य करना शामिल है।
इसी परिणाम है कि जब आज बनारस स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 08 पर नई दिल्ली-बलिया सुपरफास्ट आने के समय पर एक 15 वर्षीय लड़की बेबी सोनी कुमारी जो किसी कारण रुष्ट होकर बिना बताये अपने माता-पिता का घर छोड़ आयी थी, उसे बनारस स्टेशन पर असमंजस व परेशान अवस्था में देखा गया।
उस समय ड्यूटी पर तैनात चल टिकट परीक्षक (टीटीई) अमृत राय ने अपनी नियमित टिकट चेकिंग ड्यूटी के दौरान उससे पूछा तो उसके पास कोई वैध टिकट नहीं था। थोड़ी सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम पता बताया और यह भी बताया कि वह अपने माता-पिता से नाराज होकर किसी को बिना बताए अपने घर से निकल गई थी।
उसके पिता का मोबाईल नम्बर लेने के बाद, उसके माता-पिता को (टीटीई) अमृत राय ने सूचित किया, उन्हें अपनी बेटी की कुशल मंगल होने की बात सुनकर राहत की सांस ली। लड़की के पिता उसे घर ले जाने वाराणसी आ रहे हैं। लड़की को फ़िलहाल रेलवे सुरक्षा बल, बनारस पोस्ट पर महिला कांस्टेबल की अभिरक्षा में रखा गया जो पूरी तस्दीक करने के बाद लड़की को उसके पिता के सुपुर्दगी सुनिश्चित करेंगी ।
पूर्वोत्तर रेल प्रशासन बच्चों के प्रति संवेदनशील है और ड्यूटी पर तैनात सभी टीटीई को ऐसे यात्रियों, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में परेशानी के संकेतों की जांच करने और फिर सावधानी, सतर्कता और संवेदना के साथ कार्य करने को प्रेरित करता है। जिससे इस तरह की स्थिति में बच्चें गलत हाथों से सुरक्षित रहें और अपने परिजनों से यथाशीघ्र मिल सकें।

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