वाराणसी: काशीराज परिवार के कुंवर अनंत नारायण सिंह ने शुक्रवार को परंपरा के निर्वहन के साथ राजातालाब, भैरवतालाब और मोहनसराय में आयोजित दो दिवसीय ऐतिहासिक रथ यात्रा मेले का शुभारंभ किया। वे हाथी पर सवार होकर जब रानी बाजार स्थित किला परिसर पहुंचे, तो श्रद्धालुओं ने “हर हर महादेव” के नारों के साथ उनका भव्य स्वागत किया।
परंपराओं के साथ हुई शुरुआत
दरबार में पहुँचकर कुंवर अनंत नारायण सिंह ने लोगों से परंपरागत विचार-विमर्श किया, जहां उपस्थित लोगों ने कर (मुद्रा) अर्पित कर पुरातन परंपरा को निभाया। इसके उपरांत भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचकर यात्रा का शुभारंभ किया गया।
रथ यात्रा मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था
रथ यात्रा रानी बाजार से होकर राजातालाब, कचनार, बीरभानपुर होते हुए भैरवतालाब मेला परिसर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर तक पहुंची। यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी बल, एसीपी अजय श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष अजीत वर्मा, तथा अन्य थानों की पुलिस मौजूद रही। सुरक्षा समिति की निगरानी में मेला सकुशल संपन्न हुआ।
इंद्र देव ने किया परंपरागत स्वागत
रथयात्रा के दौरान इंद्र देव की वर्षा को भक्तों ने भगवान जगन्नाथ के स्वागत की परंपरा के रूप में देखा, जिससे मेले का वातावरण और भी भक्तिमय हो गया।
मेले का आनंद: झूले, जादूगर, चाट और खरीदारी
मेले में आए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों ने झूला, सर्कस, ब्रेक डांस, जादूगर के करतब और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया। परिसर में मिठाई, आम, नानखटाई, चाट-फुलकी, खिलौने समेत कई दुकानों से खरीदारी की गई।
चुनौतियाँ भी रहीं
जहां एक ओर मेले की व्यवस्था सराहनीय रही, वहीं दूसरी ओर उचक्कों ने कई महिलाओं के मंगलसूत्र व लोगों के पर्स चोरी कर लिए।
जल निगम विभाग द्वारा पानी की टंकी न लगाए जाने से पेयजल संकट भी देखने को मिला।
आयोजकों और प्रशासन का आभार
मेला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राजकुमार ने मेला सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सहयोग देने वाले सभी पुलिसकर्मियों, अधिकारियों और श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया।

Author: Ujala Sanchar
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