दुनिया की टॉप तीन भीड़भाड़ वाले शहर में बनारस; क्या पैदल और यातायात के लिए होगा खास मैनेजमेंट?

Ujala Sanchar

वाराणसी: नगर निगम वाराणसी ने शहर में बढ़ रही जनसंख्या और यातायात व्यवस्था, जिसमें पैदल चलने वालों के लिये तकनीक का प्रयोग कर संचालित करने हेतु भीड़ प्रबंधन की दिशा में सफलतापूर्वक कदम आगे बढ़ाया है. कार्यदायी संस्था टोयोटा मोबेलिटी फाउंडेशन ने वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के लिए प्रथम चरण में अन्तराष्ट्रीय स्तर की 10 उच्च स्तरीय कम्पनियों का चयन किया है, जिस पर संस्था 3 मिलियन डालर (करीब 26 करोड़ रुपए) खर्च करेगी.

दुनिया में सिर्फ 3 शहर ही चुने गएः इस बारे में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि भीड़ प्रबधंन के लिए विश्व स्तर पर तीन शहरों का चयन किया गया है, जिनमें वाराणसी (भारत), वेनिस (इटली), और डिट्राइट सिटी (अमेरिका) है. भारत की सबसे प्राचीन शहर वाराणसी (काशी) जहॉ बड़ी संख्या में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं तथा आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों, बुजुर्गो, महिलाओं एवं दिव्यागंजनों की सुविधा हेतु यह भीड़ प्रबंधन तकनीक काफी उपयोगी सिद्ध होगा.

ये कंपनियां करेंगी बनारस में कामः जिन 10 कम्पनियों का चयन किया गया है, उनमे सिटीडेटा इंक, फैक्टल एनालीटिक्स लिमिटेड, ग्रेमैटिक्स, आर्केडिश, इंटपिक्सेल लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रमेय कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, स्मार्टविज लिमिटेड, स्टीयर डेविस एंड ग्लीव लिमिटेड, द अर्बनाइजर और टियामी नेटवर्क्स है.

ये जिम्मा संभालेंगी कंपनियांः चयनित 10 फर्मों के द्वारा सिटी फ्लो, डेटा प्लेटफार्म, मानव केन्द्रित डिजायन, सार्वजनिक बुनियादर ढांचे, रियल टाइम कनेक्टिविटी, सुरक्षा, रियल टाइम निगरानी, स्थानिक विश्लेशण, स्थलों की सुरक्षा, स्मार्ट और अधिक दक्षतापूर्ण वातावरण, नागरिकों के सुचनाओं का आदान प्रदान, नयी चाल नाम का डाटा प्रबन्धन, थ्रीडी लाइनर सेंसर, मशीन लर्निंग, पूर्वानुमान और पूर्वाकलन डेटा तैयार करना, आने जाने वाले भीड़ का बेहतर अंदाजा लगाना, रियल टाइम डिजिटल नेविगेशन तथा बड़े स्तर पर पैदल यात्रियों और वाहनों के आने जाने पर निगरानी एवं प्रबधंन इत्यादि का कार्य किया जायेगा.

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26 करोड़ रुपए होंगे खर्चः उन्होंने बताया कि टोयोटा मोबेलिटी फाउन्डेशन इस कार्य पर 3 मिलियन डालर (करीब 26 करोड़ रुपए) खर्च करेगा. टोयोटा मोबेलिटी फाउन्डेशन द्वारा विगत वर्ष से ही प्रारम्भिक स्तर पर वाराणसी में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया था, जिसमें शहरों का परीक्षण करना था. अन्तराष्ट्रीय स्तर पर किये गये सर्वे एवं आवश्यकतानुसार एशिया का एकलौता शहर वाराणसी का चयन किया गया है.

घनी आबादी वाले शहर के लिए ऐतिहासिक कदमः नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के इस कार्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया गया, तथा उनके द्वारा बताया गया कि वाराणसी जैसे घनी आबादी वाले शहर में भीड़ प्रबंधन की परिकल्पना से इस शहर को एवं आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों को बहुत लाभ होगा. वहीं महापौर अशोक तिवारी ने बताया कि एशिया में एकमात्र शहर वाराणसी का चयन होगा बहुत गर्व की बात है, जिसके लिये सभी नगर वासियों को बधाई है.

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