वाराणसी: आपातकाल के लागू होने के 50 वर्ष पूरे होने पर सूचना विभाग द्वारा सिगरा स्थित शहीद उद्यान में बुधवार को “भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय” तथा “अनैतिक संशोधन से संविधान पर हमला” विषयक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इस चित्र प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या एवं महापौर अशोक तिवारी ने फीता काटकर किया। प्रदर्शनी में कुल 50 चित्र किट्स के माध्यम से उस दौर की घटनाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
आपातकाल को बताया गया “संविधान का सबसे काला अध्याय”
महापौर अशोक तिवारी ने कार्यक्रम में कहा कि “आपातकाल में संविधान की आत्मा को कुचलने, संसद की आवाज दबाने और न्यायपालिका पर नियंत्रण की कोशिश की गई।” उन्होंने 42वें संविधान संशोधन को जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी सोच का प्रतीक बताया।

महापौर ने कहा कि आपातकाल में गरीबों, वंचितों और दलितों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। यह लोकतंत्र के खिलाफ एक सुनियोजित हमला था। ऐसे दौर को देशवासी कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संविधान के मूल्यों को मजबूत करने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए संकल्पबद्ध है।
जनमानस को लोकतंत्र की रक्षा के प्रति जागरूक करना
इस चित्र प्रदर्शनी का उद्देश्य आम जनता को आपातकाल के दुष्प्रभावों और संवैधानिक मूल्यों की अहमियत से अवगत कराना है। यह प्रदर्शनी जनभागीदारी के माध्यम से लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रेरणा देने का कार्य करेगी।

Author: Ujala Sanchar
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