सोनभद्र: 7 माह पूर्व 8 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अखिलेश भारती को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 51 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 2 सितंबर 2024 को दुद्धी थाने में दी तहरीर मे अवगत कराया था कि उसकी 8 वर्षीय नाबालिक बेटी एक सितंबर 2024 को दोपहर 2:30 बजे घर से 100 मीटर दूर स्थित महुआ के पेड़ के नीचे एक लड़के के साथ गोटी खेल रही थी। जहां पर अखिलेश भारती पुत्र रामखेलावन राम निवासी दिघुल, थाना दुद्धी, जिला सोनभद्र आ गया और लड़के को भगा दिया। उसकी नाबालिग बेटी का हाथ पकड़कर अपने चाचा के घर ले गया और जबरन बेटी के साथ दुष्कर्म किया। वह रोती चिल्लाती रही, लेकिन वह नहीं माना।
बेटी ने बताया कि कहीं भी सूचना देने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दिया था। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 9 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अखिलेश भारती को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 51 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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