गाजीपुर: जनपद न्यायालय के दस कक्षीय सभागार में अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोध दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर द्वारा सम्पन्न कराया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय जनपद न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग अब वैश्विक संकट बन चुका है। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि सामाजिक ढांचे को भी खोखला करता है। नशे की लत से युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
जनपद न्यायाधीश ने इस अवसर पर लोगों को जन-जागरूकता के माध्यम से नशा मुक्ति की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया और बताया कि 26 जून को हर वर्ष अवैध नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कक्ष संख्या-01) एवं नोडल अधिकारी शक्ति सिंह ने कहा कि नशीली दवाओं के शिकार लोगों को समाज में उपेक्षा और अलगाव का सामना करना पड़ता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक आघात भी पहुंचाता है। अतः इसके निवारण हेतु एक जन-केन्द्रित नीति अपनानी चाहिए, जो मानवीय करुणा और अधिकारों पर आधारित हो।
इस मौके पर न्यायिक अधिकारियों सहित कई विद्वान अधिवक्ता और न्यायालय कर्मचारी भी मौजूद रहे। जिन प्रमुख न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति रही, उनमें संजय हरी शुक्ला – पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकारी, विजय पाल – अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कक्ष सं. 03), अभिमन्यु सिंह – अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कक्ष सं. 04), नूतन द्विवेदी – मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अमित कुमार – सिविल जज (सी.डी.)/प्रभारी सचिव, डीएलएसए दीपेन्द्र कुमार गुप्ता, अर्चना, स्वेतांक चौहान, हार्दिक सिंह, अनंत कुमार, श्वेता नैन — विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण शामिल रहे।
इस अवसर पर नशा मुक्ति और जन-जागरूकता को लेकर सभी ने संकल्प लिया कि वे समाज में नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के खिलाफ जनहित में निरंतर कार्य करते रहेंगे।

Author: Ujala Sanchar
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