होलिका दहन आज, भद्रा के कारण मुहूर्त रात 11.30 से

होली पर भद्रा का साया रहने से आज रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक है होलिका दहन का मुहूर्त

पुरे देश में कल धूमधाम से होली मनाई जाएगी। ऐसे में आज रात में होलिका दहन होगा। परंपराएं कहती हैं, शाम को सूरज डूबते वक्त होली की पूजा और उसके बाद दहन किया जाता है। आज देर रात यानी 13 मार्च गुरुवार करीब आधी रात में होलिका दहन किया जाएगा और अगले दिन यानी शुक्रवार को रंगों वाली होली खेली जाएगी।

हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जा है और इस छोटी होली भी कहा जाता है. होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है. लेकिन होलिका दहन पर इस बार सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया रहने वाला है. शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन कभी भी भद्रा काल में नहीं करना चाहिये। पूरे दिन भद्रा का साया रहने से होलिका दहन के लिए शुभ समय क्या होगा, आइए जानते हैं…

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर मनाया जाता है और हर वर्ष यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. कहा जाता है कि विधि पूर्वक और नियमों के साथ होलिका दहन किया जाए तो सभी चिंता व परेशानियां भी उसी अग्नि में स्वाहा हो जाती हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है. इस पर्व का सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं और दूर दूर से अपने घरों में जाते हैं. इस शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है और धन धान्य की कभी कमी नही होती।

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13 मार्च को होलिका दहन

फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ – 13 मार्च, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से
फाल्गुन पूणिमा समापन – 14 मार्च, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
13 मार्च को दिन और रात को पूर्णिमा तिथि होने की वजह से होलिका दहन इसी दिन किया जाएगा।

भद्रा का समय

भद्रा काल – 13 मार्च, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 11 बजकर 26 मिनट तक।
भद्रा की पूंछ – शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट से।
भद्रा का मुख – रात 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक।
तेरह मार्च को चंद्रमा सिंह राशि में संचार करेंगे, जिसकी वजह से भद्रा का साया मृत्यु लोक में रहेगा. शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा मृत्यु लोक में होती है, तब सबसे ज्यादा हानिकारक मानी जाती है. होलिका दहन पर भद्रा करीब 12 घंटे 51 मिनट तक रहेगी।

होलिका दहन का पूजा मुहूर्त

तेरह मार्च को होलिका दहन वाले दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक राहुकाल का समय रहेगा इसलिए इस अवधि में होली पूजन से बचें. शास्त्रों के अनुसार, राहुकाल में पूजन करना अशुभ माना गया है इसलिए होली पूजन का समय 10 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन होलिका दहन के लिए 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा. दरअसल रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा व्याप्त रहने की वजह से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा।
होलिका दहन मुहूर्त – रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

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